
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व मुख्य कोच राहुल द्रविड़ (Rahul Dravid) ने रोहित शर्मा (Rohit Sharma) की कप्तानी (Captaincy) को लेकर दिलचस्प बातें साझा कीं। द्रविड़ ने कहा कि रोहित केवल रणनीतिक कप्तान ही नहीं थे, बल्कि एक ऐसे लीडर रहे जिन्होंने हर वक्त टीम को प्राथमिकता दी और खिलाड़ियों के लिए गहरी परवाह दिखाई। द्रविड़ ने रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) के यूट्यूब शो पर बातचीत के दौरान अपने कार्यकाल की अहम झलकियां साझा कीं। उन्होंने बताया कि रोहित पहले दिन से ही बेहद स्पष्ट थे कि टीम को कैसे आगे ले जाना है।
द्रविड़ ने कहा, ‘मुझे हमेशा लगा कि रोहित टीम की बहुत गहराई से परवाह करते हैं। पहले ही दिन से वह स्पष्ट थे कि माहौल कैसा होना चाहिए और किस दिशा में टीम को आगे बढ़ना है।’ इस कथन से साफ है कि रोहित केवल कप्तानी नहीं कर रहे थे, बल्कि टीम के हर खिलाड़ी से जुड़कर एक ऐसा माहौल बनाने में विश्वास रखते थे, जहां हर कोई खुद को अहम समझे।
राहुल द्रविड़ ने इस इंटरव्यू में कप्तान और कोच के रिश्ते पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि टीम कप्तान की होनी चाहिए। कोच का रोल कप्तान को सपोर्ट करने का होता है। रोहित के साथ काम करने में यही सहजता थी कि वह दिशा तय करते थे और मैं उनका साथ देता था।’ द्रविड़ के मुताबिक, रोहित का साफ विजन होने से फैसले आसान हो जाते थे। चाहे टीम चयन हो या रणनीति तय करना, पूर्व कोच ने बताया कि रोहित के साथ उनकी बातचीत हमेशा पारदर्शी रही।
द्रविड़ ने यह भी बताया कि उनका और रोहित का रिश्ता केवल पेशेवर स्तर तक सीमित नहीं था। कई बार दोनों मैदान से बाहर भी क्रिकेट से हटकर बातें करते थे। यह व्यक्तिगत जुड़ाव टीम के वातावरण पर भी सकारात्मक असर डालता था। उन्होंने कहा, ‘रोहित के साथ बातचीत हमेशा आनंददायक रही। क्रिकेट के अलावा भी हम बहुत सी चीजो पर चर्चा करते थे। इस वजह से हमारा रिश्ता और भी मजबूत हुआ।’
राहुल द्रविड़ की बातें इस ओर इशारा करती हैं कि रोहित शर्मा एक ऐसे कप्तान हैं जो केवल रणनीति और प्रदर्शन पर नहीं, बल्कि मानवीय पहलुओं पर भी ध्यान देते हैं। उनकी कप्तानी की सबसे बड़ी खासियत रही- टीम को परिवार की तरह संभालना। रोहित जानते थे कि टीम को किस दिशा में ले जाना है। इसके लिए उन्होंने हर खिलाड़ी को अहमियत दी। इतना ही नहीं, विश्व कप की हार के बाद भी टीम को टूटने नहीं दिया। साथ ही फैसले हमेशा कोच द्रविड़ और अन्य लीडरशिप रोल के खिलाड़ियों के साथ मिलकर लिए, जिससे टीम एकजुट रही।
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