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वक्फ बोर्ड की जमीनों को आज नापेगा दल , मध्यप्रदेश की 108 जमीन चयनित

March 08, 2025

कब्रिस्तान, मस्जिद के साथ कब्जे और अतिक्रमण पर रहेगी विशेष नजर

इन्दौर। वक्फ बोर्ड (Wakf Board) द्वारा दी गई जमीनों को लेकर सरकार सतर्क हो गई है। तेजी से किए जा रहे अतिक्रमण (Encroachment), कब्रिस्तान (Graveyard), मस्जिद (Mosque) व अन्य जमीनों को लेकर हो रहे घोटाले पर अब केंद्र सरकार पैनी नजर बनाए हुए हैं। पूरे देश में जगह-जगह अधिकारियों को नियुक्त कर भेजा जा रहा है, ताकि वे जांच कर उक्त जमीनों की पुष्टि कर सकें। मध्यप्रदेश के तीन जिलों की 108 जमीनों (108 lands) का औचक निरीक्षण किया जा रहा है।



वक्फ बोर्ड से संबंधित संपत्ति और संपदा को लेकर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली का 3 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मध्यप्रदेश के दौरे पर है। 108 जमीनों की सूची में से कहीं भी औचक निरीक्षण किया जा रहा है। यह प्रतिनिधिमंडल भोपाल, इंदौर एवं देवास में भ्रमण करेगा। मप्र वक्फ बोर्ड के सीईओ ने बताया कि भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान दिल्ली के प्रतिनिधिमंडल द्वारा 9 मार्च तक वक्फ संपदा और संपत्तियों के सर्वे एवं वामसी-एमपी पोर्टल पर ऑनलाइन सत्यापन प्रक्रिया का अवलोकन किया जाएगा। प्रतिनिधिमंडल के इस कार्य हेतु बोर्ड ने कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। सीईओ के अनुसार भोपाल में मीर अनम फिरोज के साथ मोहम्मद तारिक व मोहम्मद हुजैफा रहेंगे। वह भोपाल जिले से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के साथ वक्फ सम्पत्ति का स्थल भ्रमण कराएंगे। इंदौर में मोहम्मद अबुजर के साथ मोहम्मद उस्मान और जुनैद गनी रहकर जिले से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराएंगे एवं वक्फ सम्पत्ति का स्थल भ्रमण करवाएंगे। इसी तरह सिद्धार्थ प्रकाश को मोहम्मद आबिद खान एवं अब्दुल रहमान (सीनियर) देवास जिले से संबंधित जानकारी उपलब्ध करवाकर वक्फ सम्पत्ति का स्थल भ्रमण कराएंगे। उक्त भ्रमण के लिए तीन जिलों की 108 संपत्ति का चयन किया गया है, जिनमें भोपाल की 37, इंदौर की 35 और देवास की 36 संपत्ति शामिल हैं।

बाले-बाले बेच दी गई
उल्लेखनीय है कि वक्फ बोर्ड की संपत्ति पर पूर्व में लंबे समय से खेल चलते रहे हैं और जमीन को लेकर क्रय-विक्रय की अनुमति बोर्ड के कर्ताधर्ताओं द्वारा बाले-बाले देकर उनका नामांतरण भी करवाया गया है। सरकारी रिकॉर्ड में कई जगह यह भी देखने में आया है कि निजी भूमि को भी बोर्ड के नाम से दर्ज कर दिया गया था। कुछ मंदिरों की भूमि भी बोर्ड के खाते में शामिल हो गई है। इस तरह की त्रुटियों का मिलान कर उन्हें सुधारा जाएगा और उसके बाद ही जिले में कितनी संपत्ति वक्फ की है, यह सामने आएगा। अकेले इंदौर जिले में ही संपत्ति की सूची को लेकर परीक्षण किया जा रहा है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार जिले की जूनी इंदौर तहसील में 187, देपालपुर में 136, सांवेर में 105, महू में 93, हातोद में 38, भिचौली हप्सी में 15, खुड़ैल में 24, मल्हारगंज में 19 और राऊ में 18 संपत्ति को लेकर तहसीलदार और पटवारी परीक्षण करने में लगे हैं।

कमिश्नर के निर्देश पर हो रहा परीक्षण
जिले में चल रही जांचों को लेकर बताया जाता है कि सर्वाधिक भूमि जूनी इंदौर तहसील क्षेत्र में बताई गई है। यहां 187 भूमि का आंकड़ा सामने आया है। इसी तरह देपालपुर में 136, सांवेर में 105, भिचौली हप्सी में 15, महू में 93, हातोद में 38, कनाडिय़ा में 09, राऊ में 18 और मल्हारगंज में 19 भूमि को लेकर जांच की जा रही है। हाल ही में जो आंकड़ा तैयार किया गया उसके अनुसार जिले में 500 से अधिक भूमि अलग-अलग तहसील की वक्फ बोर्ड के नाम से सामने आई है। जूनी इंदौर तहसील में बताई गई 187 भूमि में से अधिकांश भूमि मल्हारगंज तहसील क्षेत्र में पहुंच गई है। अब यह आंकड़ा जूनी इंदौर में कम हो गया है।

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