
पणजी: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर अब किसी प्रमाण की जरूरत नहीं बची है क्योंकि भारत के दुश्मनों ने खुद ही इसे दुनिया के सामने उजागर कर दिया है. यह बात उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को गोवा के वास्को में कही. उन्होंने दो टूक कहा कि ‘अब बहस की कोई जरूरत नहीं, क्योंकि ताबूत खुद गवाही दे रहे हैं.’ मोरमुगाओ बंदरगाह प्राधिकरण (MPA) के एक कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति ने कहा कि आतंकवादियों ने ही ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सबूत दुनिया को दे दिए हैं. उन्होंने बताया कि जिन आतंकियों को इस सैन्य अभियान में खत्म किया गया, उनके शव खुद पाकिस्तानी सैन्य अधिकारी और राजनीतिक लोग लेकर जाते देखे गए.
धनखड़ ने साफ कहा, ‘अब कोई यह नहीं पूछ रहा कि हमला हुआ भी था या नहीं. जो लोग सवाल कर रहे थे, वे भी अब खामोश हैं, क्योंकि सबूत आतंकियों ने खुद ही दे दिए हैं.’ उपराष्ट्रपति ने यह भी बताया कि यह हमला अंतरराष्ट्रीय सीमा पार जाकर किया गया था लेकिन भारत ने पूरी नैतिक जिम्मेदारी और सैन्य मर्यादा का पालन किया. लक्ष्य सिर्फ और सिर्फ आतंकी ठिकाने थे. उन्होंने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा को इस ऑपरेशन से करारा संदेश गया है कि भारत अब हर हमले का जवाब देगा और वो भी अंदर घुसकर.
यह बयान ऐसे समय में आया है जब 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी. इसके बाद भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकवादी शिविरों पर बड़ी कार्रवाई की थी. धनखड़ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की भी याद दिलाई जिसमें उन्होंने कहा था कि आतंकवाद को अब बख्शा नहीं जाएगा. उन्होंने कहा, ‘यह भारत की नई रणनीति है. हम शांति चाहते हैं, लेकिन अगर कोई हमें छेड़ेगा तो जवाब भारी पड़ेगा.’
कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने भारत के आर्थिक और सामरिक भविष्य पर भी बात की. उन्होंने कहा कि देश अब एक वैश्विक आर्थिक शक्ति और समुद्री महाशक्ति बनने की ओर बढ़ रहा है. लेकिन विकास के लिए शांति अनिवार्य है. उन्होंने कहा, ‘एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए हमें प्रति व्यक्ति आय में आठ गुना वृद्धि की आवश्यकता है लेकिन युद्ध जैसे हालात में यह संभव नहीं. इसलिए हमें सुरक्षा, स्थिरता और विकास तीनों को साथ लेकर चलना होगा.’ इस मौके पर उन्होंने मोरमुगाओ बंदरगाह पर तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण भी किया, जो भारत के समुद्री बुनियादी ढांचे को मजबूती देने की दिशा में एक अहम कदम है.
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