
इंदौर। ट्रालेवाले द्वारा अचानक ब्रेक लगा दिए गए, जिससे एक ट्रक के कंडक्टर ने दोनों पैर गवां दिए। अब मोटर एक्सीडेंट क्लेम ट्रिब्यूनल ने उसे 23 लाख का हर्जाना दिलवाया है। सूत्रों के मुताबिक अपाहिज बलदेवभाई वैदी (21 साल) निवासी गुजरात है। वह एक ट्रक पर कंडक्टरी का काम करता था। घटना 7 फरवरी 2020 को सुबह 11 बजे सोनवाय टोल नाके के पास हुई। वैदी जिस ट्रक में सवार था, उसके आगे एक ट्राला नंबर आरजे 01 जीई- 5744 चल रहा था। अचानक ट्राले के चालक नोरतसिंह रावत निवासी अजमेर ने ब्रेक लगाये तो ट्रक कंडक्टर साइड से ट्राले में जा घुसा। इस हादसे में ट्रक के कंडक्टर वैदी के दाएं व बाएं पैर घुटने के ऊपर से काटने पड़े और वह सौ फीसदी विकलांग हो गया।
मामले में पुलिस किशनगंज ने केस दर्ज किया था। इधर पैर गंवाने के बाद वैदी ने ट्रिब्यूनल की शरण ली और हर्जाने के तौर पर ट्रालेवाले से 60 लाख रुपए दिलाने की मांग की। ट्रिब्यूनल में ट्राले का बीमा करने वाली यूनाइटेड बीमा कंपनी ने ट्राला चालक नोरतसिंह के पास वैध लायसेंस नहीं होने का बहाना बनाया, किंतु वह अपने दायित्व से नहीं बच पाई। ट्रिब्यूनल के सदस्य गिर्राजप्रसाद गर्ग ने आदेश दिए कि ट्राला मालिक शिवराजसिंह रावत निवासी अजमेर, चालक व बीमा कंपनी तीनों मिलकर या अलग-अलग रूप से कंडक्टर को मुआवजे के तौर पर 23 लाख 54 हजार 668 रुपए दें। इस राशि पर दावा लगाने की तारीख से छह प्रतिशत की दर से ब्याज भी देना होगा।
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