
दुबई। संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने ईरान (Iran) के परमाणु कार्यक्रम (Nuclear Program) को लेकर रविवार तड़के एक बार फिर उस पर प्रतिबंध (Sanctions) लागू कर दिए हैं। ये प्रतिबंध ऐसे समय में लगाए गए हैं जब ईरान पहले से ही गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) से गुजर रहा है। इससे आम लोगों की भविष्य को लेकर चिंताएं और गहरा गई हैं।
संयुक्त राष्ट्र में ईरान पर बैन को रोकने के लिए रूस और चीन की ओर से किए गए अंतिम क्षणों तक कूटनीतिक प्रयास भी असफल रहे। इसके बाद यूएन ने ईरान पर ये प्रतिबंध लगा दिए। अब ईरान को कई तरह की सख्त पाबंदियों का सामना करना पड़ेगा, जिनमें विदेशी संपत्तियों पर रोक, हथियार सौदों पर प्रतिबंध, और बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम को आगे बढ़ाने पर सजा शामिल है।
देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही चरमराई हुई है। ईरानी मुद्रा ‘रियाल’ ऐतिहासिक रूप से निम्न स्तर पर पहुंच चुकी है। खाद्य वस्तुओं की कीमतों में लगातार वृद्धि हो रही है और आम जनजीवन बेहद कठिन होता जा रहा है। ऐसे में दोबारा प्रतिबंध हावी होने से ईरान की मुश्किलें और बढ़ेंगी।
तेहरान के रहने वाले सिना नामक एक व्यक्ति ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ से कहा, “देश ने इससे पहले इतना कठिन समय कभी नहीं देखा, यहां तक कि 1980 के दशक के ईरान-इराक युद्ध और उसके बाद लगाए गए दशकों लंबे प्रतिबंधों के दौरान भी नहीं।”
सिना ने आगे कहा, “हम लगातार आर्थिक तंगी में डूबते जा रहे हैं, और हर साल हालात और भी बदतर होते जा रहे हैं। हमारे सपने बिखरते जा रहे हैं।”तेहरान की एक किराना दुकान पर खड़ी सिमा तगहावी नाम की महिला ने बताया, “हर दिन पनीर, दूध और मक्खन की कीमतें बढ़ रही हैं।” ईरान में हाल ही में हुए युद्ध के बाद से खाद्य वस्तुओं की कीमतों में और भी अधिक वृद्धि देखी गई है। मांस पहले से ही गरीब परिवारों की पहुंच से बाहर हो चुका है।
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