img-fluid

रिपोर्ट में खुलासा: अमेरिका पर है UN का बड़ा कर्ज, ट्रंप की देने की मंशा नहीं

September 23, 2025

वाशिंगटन। संयुक्त राष्ट्र महासभा (UN) की वार्षिक बैठक में शामिल होने के लिए वैश्विक नेताओं का पहुंचना शुरू हो गया है। न्यूयॉर्क (Churu district) में होने वाली इस बैठक में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (President Donald Trump) भी शामिल होंगे। वाइट हाउस के प्रवक्ता के मुताबिक ट्रंप यहां पर अपने आठ महीने के कार्यकाल के दौरान किए गए कार्यों और आगामी समय में अमेरिका के विदेश नीति कैसी होगी, इसका ब्यौरा देंगे। हालांकि ट्रंप के संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहुंचने से पहले अमेरिका के ऊपर यूएन के कर्ज का जिक्र भी होने लगा है। इस समय पर अमेरिका यूएन का बड़ा देनदार है।

अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल से ही संयुक्त राष्ट्र के कड़े आलोचक रहे हैं। उनका मानना है अमेरिका इस वैश्विक संस्था में जरूरत से ज्यादा पैसों का भुगतान कर रहा है। वह शुरुआत से ही इसके कार्यक्रमों में दी जानी वाली फंडिंग में देरी करते रहे हैं या फिर सीधे तौर पर ही इनकार कर देते हैं। दूसरे कार्यकाल में भी ट्रंप इसी तरह की नीति को लेकर आगे बढ़ रहे हैं। खैर उनकी यह नीति वर्तमान में उनकी अमेरिका फर्स्ट और अमेरिका को फिर से महान बनाओ की विचारधारा के भी अनुरूप है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जनवरी में ट्रंप के दूसरे कार्यकाल के शुरू होने के बाद से ही उन्होंने वाशिंगटन की तरफ से यूएन को जाने वाले भुगतान पर रोक लगा दी है। यहां तक की 2024 में दिए जाने वाले भुगतान को भी रिलीज करने पर पाबंदी लगा रखी है। आपको बता दें 2023 में अमेरिकी का तत्कालीन राष्ट्रपति बाइडन ने नेतृत्व में अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के अम्ब्रैला समूह को कुल मिलाकर 13 अरब डॉलर का भुगतान किया था। लेकिन ट्रंप ने संयु्क्त राष्ट्र को किसी भी तरह का भुगतान करने से इनकार कर दिया है।

गौरतलब है कि ट्रंप लगातार ह्यूमन राइट्स कमीशन, विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनेस्को जैसे संयुक्त राष्ट्र के संस्थानों की आलोचना करते रहे हैं। ऐसे में उनका इन संस्थानों की फंडिंग पर रोक लगाना किसी भी तरह से आश्चर्यजनक नहीं है। राष्ट्रपति बनने से पहले व्यापारी के रूप में नाम कमाने वाले ट्रंप ने अमेरिका के बढ़ते खर्चों को रोकने के लिए नाटो में भी ज्यादा पैसे का भुगतान करने से इनकार कर दिया था। इतना ही नहीं उन्होंने साफ तौर पर अपने साथी नाटो सदस्यों से कह दिया था कि अगर वह अपने रक्षा बजट को बढ़ाते नहीं है तो वह अमेरिका से सुरक्षा की उम्मीद न रखें।

समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप प्रशासन की तरफ से आगे भी अंतर्राष्ट्रीय गतिविधियों में भुगतान करने की मंशा नहीं दिखाई गई है। हाल ही में ट्रंप प्रशासन की तरफ से यह घोषणा की गई थी कि वह वैश्विक स्तर पर शांति कि स्थापना के लिए होने वाले 393 मिलियन डॉलर के योगदान और इसके अलावा 445 मिलियन डॉलर का अलग से भुगतान नहीं करेगा।



अगर अमेरिका ने भुगतान नहीं किया तो क्या होगा?

ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका लगातार संयुक्त राष्ट्र को नए भुगतान का विरोध करता रहा है। लेकिन अगर ऐसा ही जारी रहा तो अमेरिका संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपना वोट भी खो सकता है।

संयुक्त राष्ट्र चार्टर के अनुसार, जो भी देश दो या दो से ज्यादा वर्षों का बकाया नहीं चुकाते हैं। उनके खिलाफ यह कार्रवाई की जा सकती है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में ऐसे देशों में अफगानिस्तान, बोलीविया, साओ टोम, प्रिंसिपे और वेनेजुएला शामिल है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की धमक और संयुक्त राष्ट्रर की हालिया स्थिति को देखते हुए इस बात का अंदेशा कम है कि अमेरिका को वोट यहां से हटाया जाएगा।

Share:

  • सैनिकों की जान बचाने को यूक्रेन ने तैयार किया ‘रोबोट ऑन व्हील्स’

    Tue Sep 23 , 2025
    मॉस्‍को। रूसी ड्रोन (Russian drones) हमलों के बीच यूक्रेनी सैनिक (Ukrainian soldiers) तेजी से काम करने और रिमोट से चलने वाले बख्तरबंद वाहनों का रुख कर रहे हैं। यह बख्तरबंद वाहन अनेक काम कर सकते हैं और जानलेवा मिशनों के दौरान सैनिकों की जान बचा सकते हैं। यूक्रेनी सेना खास तौर पर रोबोट का इस्तेमाल […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved