
नई दिल्ली । उन्नाव बलात्कार(Unnao Rape Case) के आरोपी कुलदीप सिंह सेंगर(Kuldeep Singh Sengar) की जेल की सजा निलंबित( sentence suspended) किए जाने के बाद दुष्कर्म पीड़िता ने अपना दर्द साझा किया है। पीड़िता ने बुधवार को कहा है कि दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) द्वारा सेंगर की जमानत के फैसले के बाद उनके मन में आत्महत्या का विचार आया, लेकिन बच्चों के बारे में सोचकर खुद को ऐसा करने से रोक लिया। उन्होंने यह भी कहा कि अगर सेंगर जेल से रिहा होता है, तो वह अपनी सुरक्षा की खातिर जेल (released from jail)में जाने के लिए तैयार है।
बलात्कार पीड़िता ने पीटीआई से कहा, “यह बहुत दर्दनाक था। अगर मेरी शादी नहीं हुई होती और मेरे बच्चे नहीं होते, तो मैं न्यायाधीश के सामने ही आत्महत्या कर लेती। न्यायाधीश ने पीड़िता के दर्द को नहीं समझा और फैसला सुना दिया।” पीड़िता ने कहा कि वह राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलना चाहती है ताकि इस फैसले के कारण हो रहे अपनी तकलीफ को उन्हें बता सके।
मुझे ही जेल में डाल दो…
पीड़िता ने कहा, “अगर दोषी को जेल से रिहा किया जा रहा है, तो हमें जेल भेज दिया जाना चाहिए। अगर दोषी बाहर आता है, तो मैं उसकी तरफ से सज़ा पूरा करूंगी। कम से कम उस मामले में हम सुरक्षित तो रहेंगे। हम बेरोजगार रहेंगे लेकिन कम से कम हमें खाना तो मिलेगा।”
मां को सुप्रीम कोर्ट से उम्मीद
इस दौरान बलात्कार पीड़िता की मां ने कहा कि उनके वकील उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने कहा, “हमें उच्चतम न्यायालय पर भरोसा है और हमें उम्मीद है कि वह हमें इंसाफ देगा।” वहीं बलात्कार पीड़िता की बहन ने कहा कि उनके चाचा को अब भी धमकियां मिल रही हैं।
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