
नई दिल्ली. प्रधानमंत्री (PM) बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के कार्यालय ने शनिवार देर रात एक असाधारण बयान जारी कर अमेरिकी राष्ट्रपति (us President) डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की शांति योजना पर प्रतिक्रिया दी. इस बयान में कहा गया कि “इजरायल ट्रंप की योजना के पहले चरण के तत्काल कार्यान्वयन के लिए तैयार है, जिसके तहत सभी बंधकों की रिहाई शामिल है.”
नेतन्याहू के कार्यालय ने यह भी कहा कि इजरायल राष्ट्रपति ट्रंप और उनकी टीम के साथ मिलकर युद्ध समाप्त करने के लिए काम जारी रखेगा, ताकि यह इजरायल के सिद्धांतों और ट्रंप की दृष्टि के अनुरूप हो. हालांकि, बयान में ट्रंप की उस अपील का कोई जिक्र नहीं किया गया, जिसमें उन्होंने बंधकों की सुरक्षित रिहाई सुनिश्चित करने के लिए गाजा पर हमले रोकने को कहा था.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इजरयली राजनीतिक नेतृत्व ने सेना को गाजा सिटी पर कब्जा करने के अभियान को रोकने का आदेश दिया है. अब ऑपरेशनों को “न्यूनतम स्तर” पर लाने और केवल रक्षात्मक कार्रवाइयों तक सीमित रखने के निर्देश दिए गए हैं. यह फैसला अमेरिकी और इजरायली अधिकारियों के बीच रातभर चली बातचीत के बाद लिया गया.
ट्रंप बोले- शांति के लिए तैयार है हमास
राष्ट्रपति ट्रंप ने इस बीच, शुक्रवार को घोषणा की कि “हमास स्थायी शांति के लिए तैयार है.” उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से इजरायल से तुरंत गाजा पर हमले बंद करने का आह्वान किया. ट्रंप का यह संदेश हमास द्वारा उनके प्रस्ताव पर प्रतिक्रिया देने के कुछ ही समय बाद आया.
हमास ने प्रस्ताव के कुछ हिस्से को स्वीकार किया
हमास ने अपने बयान में प्रस्ताव के कुछ हिस्सों का स्वागत किया है, लेकिन कुछ प्रावधानों पर असहमति जताते हुए अतिरिक्त बातचीत की मांग रखी है. संगठन ने कहा कि वह सभी 48 शेष बंधकों को रिहा करने को तैयार है. योजना के अनुसार, स्थायी युद्धविराम लागू होने के 72 घंटे के भीतर बंधकों को छोड़ा जाएगा, बदले में 2,000 से अधिक फ़िलिस्तीनी सुरक्षा बंदियों और मारे गए गाज़ावासियों के शवों को सौंपा जाएगा, साथ ही इजरायल गाजा से पहले चरण में वापसी करेगा.
शर्तों पर करेगा बंधकों की रिहाई
हालांकि, हमास ने शर्त रखी कि बंधकों की रिहाई “आवश्यक जमीनी परिस्थितियों” के पूरा होने पर ही संभव होगी. उसने विस्तार से नहीं बताया कि किन परिस्थितियों की बात हो रही है, लेकिन संकेत दिए कि यदि हालात अनुकूल न हुए तो सभी 48 बंधकों-जिनमें से 20 जीवित माने जा रहे हैं-को 72 घंटे में रिहा करना मुश्किल हो सकता है.
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