उज्जैन। केन्द्र सरकार की गरीबों को सस्ती दर पर पक्के मकान देने की प्रधानमंत्री आवास योजना अभी भी शुरु नहीं हो पाई है। इधर सस्ते घर की आस में शहर के साढ़े 500 से ज्यादा लोग नगर निगम में इसके लिए बुकिंग राशि जमा कर चुके हैं। पुरानी कंपनी का ठेका निरस्त करने के बाद अब नगर निगम ने टेंडर जारी किए हैं और नई एजेंसी फायनल होने का इंतजार है। इसके बाद ही रूके हुए काम शुरु हो पाएँगे।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत करीब तीन साल पहले नगर निगम ने शहर के चुनिंदा स्थानों पर 2000 से ज्यादा गरीबों के लिए सस्ते मकान उपलब्ध कराने के लिए मल्टियों का निर्माण शुरू किया था। इसके लिए अहमदाबाद की ठेका कंपनी एमवीओमनी को कांट्रेक्ट दिया गया था। नियम व शर्तों के मुताबिक ठेका लेने के बाद ठेकेदार द्वारा तराना रोड स्थित कानीपुरा तथा मंछामन गणेश मंदिर क्षेत्र में निर्धारित जमीन पर पीएम आवास योजना की मल्टी बनाने का काम शुरू किया था। दो वर्ष पूर्व विधानसभा चुनाव के पहले तक ठेकेदार इन दोनों स्थानों पर गरीबों के मकान के लिए तैयार की जा रही मल्टियों के आधार से लेकर पहली तथा दूसरी मंजिल तक का ढांचा तैयार कर चुका था लेकिन जैसे ही विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हुई और इसे लेकर आचार संहिता लगती उसके पहले ही कानीपुरा और मंछामन क्षेत्र में ठेकेदार ने मल्टियों के निर्माण कार्य को रोक दिया। प्रोजेक्ट से जुड़े निगम अधिकारियों के मुताबिक प्रधानमंत्री आवास योजना का काम धीमा पडऩे तथा चुनाव के पहले तक पूरी तरह इसके बंद हो जाने के बाद ठेका कंपनी को शिल्पज्ञ विभाग द्वारा नोटिस जारी किए गए। एक के बाद एक नोटिस के माध्यम से दी गई चेतावनी के बाद भी ठेकेदार ने न तो काम शुरू किया और न ही इसका कोई संतोषजनक जवाब दिया। यही कारण रहा कि कोरोना संक्रमण शुरु होने से पहले इस साल ठेका कंपनी को ब्लैक लिस्टेड कर ठेका निरस्त कर दिया गया था। तब से यह काम हुआ है। ऐसे में अब साल 2022 तक कुल 2006 फ्लेट बनाने का टारगेट पूरा करना फिलहाल संभव नजर नहीं आ रहा। इधर सस्ता घर मिलने की आस में जो लोग बुकिंग की राशि जमा करा चुके हैं उनके धैर्य का बाँध भी अब टूटने लगा है। करीब 550 लोगों ने नगर निगम में लगभग दो साल पहले 20 हजार से लेकर 1 लाख रुपए तक की राशि बुकिंग के एवज में जमा करा दी थी। उन्हें अभी तक नया घर मिलने का इंतजार है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved