
इंदौर। कल तेज हवा-आंधी के बाद शाम को नगर निगम के अमले ने मैदान संभाला और सडक़ों के आसपास पेड़ों को हटाने का काम शुरू किया। वहीं दूसरी ओर ड्रेनेज विभाग की टीमें भी पानी निकासी के लिए जुट गईं। निगम कंट्रोल रूम पर पहुंचे महापौर और कमिश्नर ने अफसरों को अलग-अलग क्षेत्रों की शिकायतों पर तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए और स्थिति के बारे में अधिकारियों से जानकारी ली।
कल शाम को अचानक तेज हवा-आंधी के बाद 150 से ज्यादा स्थानों पर पेड़ गिरने की शिकायतें नगर निगम कंट्रोल रूम और निगम के झोनों पर पहुंचने लगीं। इसके साथ ही कई स्थानों पर जलजमाव होने की शिकायतें भी बड़े पैमाने पर आईं। अधिकारियों का कहना है कि इसके बाद उद्यान और ड्रेनेज विभाग की टीमें अलर्ट मोड पर आ गईं और सभी झोनों से अधिकारियों और कर्मचारियों की टीमें प्रभावित क्षेत्रों में रवाना की गईं। निगम के स्टोर विभाग से कई कर्मचारियों को पेड़ कटाई के लिए और संसाधन उपलब्ध कराए गए। वहीं पानी निकासी के लिए निगम के वर्कशाप विभाग से अलग-अलग संसाधन विभिन्न क्षेत्रों में भेजे गए, ताकि जल्द से जल्द पानी की निकासी की जा सके। महापौर पुष्यमित्र भार्गव और निगमायुक्त शिवम वर्मा ने कंट्रोल रूम पहुंचकर अधिकारियों से जलजमाव और पेड़ों के गिरने के मामले की जानकारी ली। दर्जनों कालोनियों और क्षेत्रों से आई शिकायतों के मामले में अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने को कहा गया था।
रातभर घरघराती रहीं पेड़ काटने वाली कटर मशीनें
नगर निगम उद्यान विभाग की 50 से ज्यादा टीमों ने कल अलग-अलग क्षेत्रों में छोटी कटर मशीनें लेकर मोर्चा संभाला और सडक़ पर गिरे पड़े पेड़ों की कटाई-छंटाई कर उन्हें निगम के वाहनों में रखवाकर ट्रेंचिंग ग्राउंड पहुंचाया। नगर निगम उद्यान विभाग की टीमों को कल शाम को अलग-अलग क्षेत्रों में कार्रवाई के लिए भेजा गया। गली-मोहल्लों, कालोनियों से लेकर चौराहे तक तेज हवा-आंधी के कारण बड़ी संख्या में पेड़ गिरे थे। उद्यान विभाग और वर्कशाप विभाग से संसाधन लिए गए और कार्रवाई शुरू की गई। जनकार्य और उद्यान समिति प्रभारी राजेंद्र राठौर के मुताबिक 150 से ज्यादा स्थानों पर पेड़ गिरने की शिकायतें आई थीं और सभी टीमों को पेड़ों की छंटाई-कटाई के लिए छोटी कटर मशीनें दी गई थीं। रातभर कई स्थानों पर यह अभियान जारी रहा और कई डंपरों और ट्रकों में भरकर पेड़ों के कटे हिस्से और टहनियां ट्रेंचिंग ग्राउंड भेजी गईं।
अंदर नीट-यूजी की परीक्षा, बाहर भरभराकर ढहा पेड़.. परीक्षा के दौरान फैली सनसनी
कल मालव कन्या स्कूल मोती तबेला क्षेत्र में नीट और यूजी की परीक्षा चल रही थी। शाम को तेज हवा-आंधी के बाद थोड़ी ही देर में वहां वर्षों पुराना पेड़ भराभराकर ढह गया। संयोग से पेड़ सडक़ वाले हिस्से में नहीं गिरा और मालव कन्या स्कूल के गेट पर ही गिरा, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई। पेड़ गिरने से जोरदार धमाके की आवाज से मालव कन्या स्कूल के अंदर चल रही नीट और यूजी की परीक्षा में तैनात कई पुलिसकर्मी और वहां के कर्मचारी दौडक़र बाहर माजरा देखने पहुंचे। पेड़ गिरने से पूरे क्षेत्र के लोग वहां जमा हो गए थे और बाद में स्कूल प्रबंधन ने नगर निगम और कंट्रोल रूम के अधिकारियों को फोन लगाकर मामले की सूचना दी, लेकिन कई घंटों तक टीम वहां नहीं पहुंची थी। मालव कन्या स्कूल और ओल्ड जीडीसी के आसपास के हिस्सों में सडक़ किनारे और कालेज-स्कूल परिसर में वर्षों पुराने पेड़ हैं, जो खतरनाक हालत में हैं और इसकी शिकायतें कई बार की गईं, मगर उसके बावजूद पेड़ों की छंटाई नहीं होने के चलते बड़ा हादसा होने से बच गया।
23 रोड स्वीपिंग मशीन सडक़ पर उतारीं…कीचड़ और गंदगी की सफाई
इंदौर। नगर निगम द्वारा आज सुबह से 23 रोड स्वीपिंग मशीन सडक़ पर उतार दी गई हैं। इन मशीनों के माध्यम से बारिश के बाद सडक़ पर हुए कीचड़ और गंदगी की सफाई का कार्य किया जा रहा है। निगम के अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा ने बताया कि कल हुई बारिश और आंधी चलने के बाद जब सडक़ से पानी उतरा तो सडक़ पर कीचड़ और गंदगी बहुत ज्यादा हो गई। ऐसी स्थिति में नगर निगम द्वारा आज सुबह से 27 रोड स्वीपिंग मशीन सडक़ पर उतार दी गई हैं। इन मशीनों के माध्यम से सभी मुख्य मार्गों की सफाई के कार्य को अंजाम दिया जा रहा है। जो कीचड़ और गंदगी सडक़ पर हुई है वह इन मशीनों के माध्यम से ही साफ की जा रही है। सफाई मित्रों को मुख्य मार्ग छोडक़र अंदरूनी मार्ग पर फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अंदर की सडक़ भी पूरी तरह से साफ और बेहतर हो सके।

सबसे ज्यादा फजीहत 60 फीट रोड, स्कीम 71, सुदामा नगर और गुुरु नानक कालोनी में
शहर की दर्जनों कालोनियों और चौराहों पर जलजमाव के कारण हालात बदतर हो गए थे। कई क्षेत्रों में तो गली-मोहल्लों की सडक़ें ही तालाब बन गई थीं। 60 फीट रोड, स्कीम 71, सुदामा नगर और गुुरुनानक कालोनी, विदुर नगर, राज नगर, किला मैदान, एरोड्रम क्षेत्र की कई कालोनियों में सबसे ज्यादा स्थिति खराब रही। 60 फीट रोड पर तो पूरी सडक़ तालाब में तब्दील हो गई थी। कुछ दिनों पहले ही नगर निगम ने वहां ड्रेनेज लाइन के लिए सडक़ें खोदी थीं, जिसके कारण बड़े-बड़े गड््ढे वाहन चालकों के लिए और मुसीबत बने, क्योंकि जलजमाव होने के कारण वाहन चालक जैसे-तैसे गाडिय़ां लेकर वहां से निकल रहे थे, लेकिन गड््ढों के कारण कई वाहन चालक दुर्घटनाग्रस्त हुए। इसी प्रकार सुदामा नगर, गुरुनानक कालोनी की कई गलियों में भी जलजमाव हो गया था और वहां लोग निगम के अधिकारियों को लगातार फोन लगाकर शिकायतें करते रहे।

कर्बला के समीप सडक़ पर गिरा पेड़, ई-रिक्शा चालक घायल…कलेक्टोरेट से महू नाका तक तीन घंटे जाम में फंसे कई वाहन चालक
इंदौर। कर्बला से जयरामपुर की ओर आने वाले मार्ग पर कल शाम सडक़ किनारे बने भैरव मंदिर के समीप वर्षों पुराना पेड़ भरभराकर सडक़ पर आ गिरा। संयोग से उस समय सडक़ पर ट्रैफिक कम था और वहां से गुजर रहा एक ई-रिक्शा चालक इसकी चपेट में आ गया। उसकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हुई और उसे चोटें लगी थीं, जिसे एंबुलेंस की मदद से अस्पताल पहुंचाया गया। पेड़ गिरने के कारण मुख्य मार्ग पूरी तरह बंद हो गया था, जिसके चलते कलेक्टोरेट से महू नाका की ओर जाने वाले मार्ग पर वन-वे में ही वाहन चालक जाने लगे, जिसके कारण पूरे क्षेत्र की ट्रैफिक व्यवस्था का कबाड़ा हो गया और दो से तीन घंटे तक यातायात व्यवस्था चौपट रही। बाद में निगम टीम ने जैसे-तैसे वहां पहुंचकर पेड़ हटाया तो उस लेन पर ट्रैफिक शुरू हो सका।

शहर के कई चौराहे तालाब बने, लोगों के वाहन फंसे
कल हुई तेज बारिश के बाद शहर के कई इलाकों में चौराहे तालाब में तब्दील हो गए और इन स्थानों पर वाहन चालकों की फजीहत होती रही। कहीं जाम की नौबत तो कहीं पानी में बंद हो रहे वाहनों के कारण स्थिति ज्यादा खराब रही। दर्जनों चौराहों पर पानी निकासी के लिए निगम की टीमें लगाई गई थीं। रीगल, सरवटे, पलासिया चौराहा, गीता भवन, महू नाका, गंगवाल, कलेक्टोरेट चौराहा, नए रेलवे स्टेशन के सामने, मिल क्षेत्र, पाटनीपुरा और विजयनगर के कई हिस्सों में पानी सडक़ों पर जमा होने के कारण तालाब की स्थिति बन गई थी। इनमें सबसे ज्यादा खराब हालत महू नाका, गंगवाल और कलेक्टोरेट पर थी, जहां वाहन चालक जाम के कारण परेशान हो रहे थे। इसी प्रकार चंदन नगर, कालानी नगर, टावर चौराहा, भंवरकुआं, बीआरटीएस, नवलखा में भी यही हाल रहे। नगर निगम ने पानी निकासी के लिए बड़े से छोटे वाहन उन क्षेत्रों में लगाए थे, लेकिन सुबह पानी निकासी के बाद गाद और कचरे के कारण चौराहों की हालत बदतर हो गई थी। ड्रेनेज विभाग की टीमों ने वहां सफाई मित्रों के साथ अभियान चलाकर सडक़ों और चौराहों से कचरा हटाया।
जूनी इंदौर मुक्तिधाम पर जलजमाव से वाहन चालकों के फजीते
जूनी इंदौर मुक्तिधाम पर वर्षों से जलजमाव की स्थिति बनती रही है। वहां समीप ही नाला होने के कारण स्थिति और ज्यादा बिगड़ती थी, जिसके कारण निगम ने करोड़ों की राशि खर्च कर वहां बड़े पाइप डालकर कई लाइनें बिछाई थीं, मगर उसके बावजूद स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ और कल फिर जलजमाव के कारण वाहन चालकों की फजीहत हुई। सरवटे टू गंगवाल सडक़ के पहले मुक्तिधाम के आसपास के नालों को कवर कर बड़े पैमाने पर लाइनें बिछाई गई थीं। उसके बाद अधिकारी कहते रहे कि अब जलजमाव की स्थिति नहीं होगी। कल बारिश के बाद वहां थोड़ी ही देर में पूरी सडक़ तालाब में तब्दील हो गई और सरवटे आने-जाने वाले वाहन चालकों की फजीहत हुई। तीन-चार साल पहले उक्त क्षेत्र में बहने वाले नाले में दोपहिया वाहन चालक बह गया था। उसके बाद भी वहां को लेकर तीन-चार योजनाएं बनाई गईं।

बारिश के जलजमाव में तैरने लगे मटके
गर्मी के मौसम में पानी को ठंडा रखने के लिए कुम्हार द्वारा तैयार किए गए मटके बेचने की दुकान शहर में जहां-तहां सडक़ किनारे लगी हुई हैं। कल हुई बेमौसम बारिश के साथ ही जो जलजमाव हुआ उस जलजमाव में इन दुकानों में विक्रय के लिए रखे गए मटके तैरते हुए नजर आए। इस स्थिति के कारण मटके बेचकर परिवार का पालन-पोषण करने वाले व्यापारियों का लाखों रुपए का नुकसान हो गया। पानी की मार और साथ में गिरे ओले के कारण बड़ी संख्या में मटके क्षतिग्रस्त भी हो गए। मटके बेचने वाले अपनी दुकान के पास में ही रुककर हमेशा कारोबार करते हैं, लेकिन कल तो वह खामोशी से खड़े रहकर अपने होते हुए नुकसान को देखते रह गए, क्योंकि उनके हाथ में कुछ नहीं था।
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