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दुनिया की सबसे रहस्यमयी जगह: बरमूडा त्रिभुज से लेकर शैतान सागर तक, जहां विज्ञान भी मान गया हार

May 22, 2025

नई दिल्‍ली। इन अनोखे जगहों (Unique Places) पर आज भी साइंस और इंसानियत की समझ हार मान जाती है। आइए उन रहस्यमयी जगहों (Mysterious Places) के बारे में जानते हैं जहां अब भी कई सवाल अनसुलझे हैं।

दुनिया की रहस्यमयी जगहें
दुनिया के नक्शे पर कुछ ऐसी जगहें हैं, जो सिर्फ खूबसूरती के लिए नहीं बल्कि अपने रहस्यों की वजह से लोगों के दिल और दिमाग पर राज करती हैं। कहीं हजारों साल पुराने पत्थरों की गोलाकार बनावट, तो कहीं आग उगलता गड्ढा, कहीं समुद्र में गायब होती जहाजें, तो कहीं आकाश से दिखाई देने वाले अजीबो-गरीब डिजाइन है। आइए ऐसी ही रहस्यमयी जगहों के बारे में जानते हैं जहां अब भी कई सवाल अनसुलझे हैं।



बरमूडा ट्रायंगल, अटलांटिक महासागर
उत्तर-पश्चिम अटलांटिक महासागर में स्थित यह त्रिकोणीय क्षेत्र, जिसे डेविल्स ट्रायंगल भी कहा जाता है, रहस्यमयी ढंग से गायब होते जहाजों और विमानों के लिए बदनाम है। यहां तक कि साफ मौसम में भी कई विमान और जहाज बिना किसी सुराग के लापता हो चुके हैं। 1945 में अमेरिकी नौसेना के पांच विमान और एक रेस्क्यू प्लेन एक साथ गायब हो गए थे। विज्ञान के पास आज भी इस रहस्य का कोई ठोस जवाब नहीं है।

नास्का लाइन्स, पेरू
पेरू के रेगिस्तानी इलाके में जमीन पर बनीं विशाल लकीरें और आकृतियां जिन्हें सिर्फ आसमान से देखा जा सकता है, वैज्ञानिकों के लिए आज भी एक पहेली हैं। ये रेखाएं जानवरों, पौधों और ज्यामितीय आकारों का रूप लेती हैं। क्या ये धार्मिक अनुष्ठानों का हिस्सा थीं, या फिर खगोलशास्त्र से जुड़ी थीं? इनका उद्देश्य अब तक साफ नहीं हो पाया है।

गीजा का पिरामिड, मिस्र
मिस्र के रेगिस्तान में खड़ा गीजा का ग्रेट पिरामिड आज भी इंसानी समझ की परीक्षा लेता है। करीब 4,500 साल पहले इसे कैसे इतनी सटीकता और विशालता के साथ बनाया गया—यह सवाल आज भी अनुत्तरित है। यह एक समय दुनिया की सबसे ऊंची इमारत थी, और इसकी बनावट वैज्ञानिकों को आज भी चकित करती है।

स्टोनहेंज, इंग्लैंड
इंग्लैंड के विल्टशायर में मौजूद स्टोनहेंज दुनिया के सबसे रहस्यमयी प्राचीन स्मारकों में से एक है। माना जाता है कि यह करीब 5000 साल पहले बना था। 25 टन वजनी पत्थरों को करीब 200 मील दूर से लाकर एक खास गोलाकार आकार में सजाया गया है। लेकिन इन्हें कैसे लाया गया? क्यों बनाया गया? क्या यह कोई धार्मिक स्थल था, कैलेंडर था, या फिर खगोलीय वेधशाला? अब तक कोई ठोस जवाब नहीं मिल पाया।

ईस्टर द्वीप, चिली
दक्षिण प्रशांत महासागर के एक छोटे से द्वीप पर खड़ी हैं करीब 1000 रहस्यमयी मूर्तियां, जिन्हें ‘मोआई’ कहा जाता है। ये विशाल मूर्तियां किसने बनाईं, क्यों बनाईं और इन्हें कैसे एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाया गया, यह आज भी रहस्य बना हुआ है। हाल ही में समुद्र के नीचे यहां 50 से ज्यादा नई और अजीब प्रजातियों के जीव भी मिले हैं, जिससे यह जगह और भी रहस्यमयी हो गई है।

शैतान सागर, जापान
जापान के पास स्थित यह समुद्री इलाका ‘ड्रैगन ट्रायंगल’ के नाम से भी जाना जाता है। यहां भी बरमूडा ट्रायंगल की तरह ही जहाज और विमान रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाते हैं। लोककथाओं के अनुसार, यहां कोई समुद्री शैतान या ड्रैगन रहता है। यहां समुद्र के नीचे सक्रिय ज्वालामुखी हैं, जो इन घटनाओं का कारण हो सकते हैं, लेकिन पक्के तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता।

नर्क का दरवाजा, तुर्कमेनिस्तान
तुर्कमेनिस्तान के कराकुम रेगिस्तान में मौजूद ‘दरवाजा गैस क्रेटर’ को लोग ‘नरक का दरवाजा’ कहते हैं। यह विशाल गड्ढा 1971 में एक गैस ड्रिलिंग दुर्घटना के कारण बना, जिसे वैज्ञानिकों ने खुद जलाया ताकि जहरीली गैस फैल न सके। सोचा गया था कि आग कुछ हफ्तों में बुझ जाएगी, लेकिन यह पिछले 50 सालों से लगातार जल रही है।

खोया हुआ शहर, अटलांटिस
प्राचीन यूनानी दार्शनिक प्लेटो ने अटलांटिस नाम की एक समृद्ध सभ्यता का जिक्र किया था, जो समुद्र में डूब गई थी। हजारों साल बीत गए, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि अटलांटिस असल में कहां था। कुछ लोग मानते हैं कि यह सिर्फ एक कल्पना है, तो कुछ इसे एक सच्ची मगर खोई हुई सभ्यता मानते हैं।

सेलिंग स्टोन्स, कैलिफोर्निया
कैलिफोर्निया के डेथ वैली में मौजूद यह पत्थर अपने आप चलते हैं। रेगिस्तान की सूखी जमीन पर ये पत्थर लंबी लकीरें खींचते हुए धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं, लेकिन कोई इन्हें धक्का नहीं देता। हाल में हुई रिसर्च में बताया गया कि बर्फ और हल्की हवा की मदद से ये पत्थर खिसकते हैं, लेकिन अभी भी कई पहलू रहस्य बने हुए हैं।

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