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‘भारत-जर्मनी में सहयोग की अपार संभावनाएं’, जयशंकर से मुलाकात में बोले जर्मन विदेश मंत्री

September 03, 2025

नई दिल्ली। भारत दौरे (India Visit) पर आए जर्मन (German) विदेश मंत्री (Foreign Minister) जोहान डेविड वेडफुल (Johann David Wedfull) ने नई दिल्ली में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर (Jaishankar) से मुलाकात की। हैदराबाद हाउस में दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर (Delegation Level) की बैठक हुई, जिसमें जर्मन विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और जर्मनी में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं।

प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री डॉ. जयशंकर ने जर्मन विदेश मंत्री के भारत आगमन की सराहना की। उन्होंने कहा ‘हम 25 वर्षों की रणनीतिक साझेदारी, 50 वर्षों के वैज्ञानिक सहयोग, लगभग 60 वर्षों के सांस्कृतिक समझौतों और एक शताब्दी से भी अधिक के व्यावसायिक संबंधों का जश्न मना रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस यात्रा के दौरान आपको बंगलूरू जाने और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हमारे सहयोग की अपार संभावनाओं को देखने का अवसर मिला।


बैठक में जर्मनी के विदेश मंत्री वेडफुल ने कहा कि ‘मेरे लिए, बंगलूरू की यात्रा वाकई दिलचस्प रही। हम आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से साथ मिलकर क्या कर रहे हैं। यह देखकर मुझे हैरानी हुई कि कितने छात्र जर्मन सीख रहे हैं और इससे पता चलता है कि हमारे देशों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। जर्मनी मुक्त व्यापार समझौते पर जल्द से जल्द बातचीत करने के पूरे समर्थन में है। हम एक मुक्त व्यापार राष्ट्र हैं। यूरोपीय संघ भारत के साथ समझौते पर काम कर रहा है, यह हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है। मुझे पूरी उम्मीद है कि हम इसमें सफल होंगे।’ वेडफुल ने भरोसा दिलाया कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौते को पूरा करने में भी वे पूरा सहयोग करेंगे।

अपनी यात्रा से पहले जर्मन विदेश मंत्री ने भारत-प्रशांत क्षेत्र और वैश्विक मंच पर एक प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की भूमिका के बारे में बात की। एक्स पर पोस्ट में वेडफुल ने जर्मनी और भारत के बीच घनिष्ठ राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संबंधों पर जोर दिया। उन्होंने सुरक्षा सहयोग, नवाचार, प्रौद्योगिकी और कुशल कार्यबल भर्ती जैसे क्षेत्रों को द्विपक्षीय संबंधों का प्रमुख स्तंभ बताया।

वेडफुल ने कहा कि ‘भारत हिंद-प्रशांत क्षेत्र में एक प्रमुख साझेदार है। हमारे राजनीतिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से घनिष्ठ संबंध हैं। हमारी रणनीतिक साझेदारी के विस्तार की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश और सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में भारत की आवाज रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण हिंद-प्रशांत क्षेत्र से परे भी सुनी जाती है। इसीलिए मैं बंगलूरू और नई दिल्ली की यात्रा कर रहा हूं।’

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