
नई दिल्ली। हमारे देश में आम तौर पर ताली बजाना (clapping) खुशी जाहिर करने (express happiness) का एक तरीका है, लेकिन यह तरीका सेहत (Health) के लिए भी बड़े काम का है। इसे क्लैपिंग थैरेपी (clapping therapy) भी कहा जाता है। इससे कई बीमारियों (many diseases) से राहत मिल सकती है। यह थैरेपी हजारों सालों से चलती आ रही है। भारत में भजन, कीर्तन, मंत्रोपचार और आरती के समय ताली बजाने की प्रथा है. इससे मिलने वाले शारीरिक लाभ भी कम नहीं हैं।
ताली बजाने का वैज्ञानिक कारण देखें तो मानव शरीर के हाथों में 29 दबाव केन्द्र यानी एक्युप्रेशर पॉइन्ट्स होते हैं. हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि शरीर के मुख्य अंगों के दबाव केन्द्र पैरों और हथेलियों के तलवों पर हैं। अगर इन दबाव केन्द्रों की मालिश की जाए तो यह कई बीमारियों से राहत दे सकते हैं, जो अंगों को प्रभावित करते हैं. इन दबाव केन्द्रों को दबाकर, रक्त और ऑक्सीजन के संचार को अंगों में बेहतर तरीके से पहुंचाया जा सकता है।
ताली बजाने से पहले क्या करें
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो क्लैपिंग थैरेपी के लिए रोजाना सुबह या रात को सोने से पहले हथेलियों पर नारियल का तेल, सरसों का तेल या दोनों तेलों का मिश्रण लगाकर अच्छे से रगड़ें। इसके बाद हथेलियों और अंगुलियों को एक-दूसरे से हल्का सा दबाव दें और कुछ देर तक ताली बजाएं।
ताली बजाने के फायदे
– ताली बजाने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है।
– ताली बजाने से रक्तसंचार भी बेहतर होता है।
– यह लो ब्लड प्रेशर वालों के लिए काम की थेरेपी है।
– हृदय रोग, मधुमेह, अस्थमा, गठिया आदि से राहत मिलती है।
– आंखों और बालों के झड़ने की समस्या से राहत मिल सकती है।
– यह सिरदर्द और सर्दी से भी छुटकारा दिलाता है।
– ताली बजाने से तनाव और चिंता दूर करने में मदद मिलती है।
– पाचन की समस्या से जूझ रहे हैं तो क्लैपिंग थेरेपी अपनाएं।
– यह गर्दन के दर्द से लेकर पीठ और जोड़ों के दर्द में भी आराम देती है।
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