
हजारीबाग: भ्रूण लिंग जांच व हत्या रोकने के लिए सरकार ने कई प्रकार के नियम और कानून बनाए हैं. लेकिन आए दिन ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जो लोगों को सोचने का विवश कर देता है. ताजा मामला जिले का चौपारण प्रखंड का है. जहां एक महिला बेटे की चाह एक निजी क्लिनिक पर भ्रूण जांच कराई. जहां उसे गलत जानकारी दी गई. महिला ने भ्रूण गिराने की दवा खाई. गर्भपात के बाद पता चला कि पैसे के लोभ में अल्ट्रासाउंड वाले ने गर्भ में पल रहे बेटे को बेटी बताया था.
महिला ने पहचान जाहीर नहीं करने की शर्त पर बताया कि उसे पहले से एक बेटी है. लिहाजा वह पेट में पल रहे बच्चे का लिंग जानने के लिए चौपारण में जीटी रोड के बगल में स्थित आस्ना क्लीनिक गई थी. जहां डॉ चमन ने अल्ट्रासाउंड कर बताता कि फिर बेटी हो होने वाली है. इसके बाद महिला ने बच्चा गिराने की इच्छा जताई. इसके लिए क्लिनिक वालों ने 5000 रुपये की मांग की. महिला मान गई. उसे एक दवा खिलाकर अगले दिन आने की बात कही गई. वहीं, अल्ट्रासाउंड के लिए अलग से 3500 रुपये लिए गए थे.
घर लौटने पर रात में महिला के पेट में तेज दर्द और ब्लीडिंग शुरू हो गई. जिसके बाद आनन-फानन में उसे सदर अस्पताल पहुंचा गया. जहां जांच में पता चला कि पेट में बच्चे की मौत हो चुकी है. इसके बाद डॉक्टरों ने बेट से भ्रूण को बाहर निकाला. लेकिन भ्रूण बाहर आते ही लोगों के होश उड़ गए. बेट में पल रहा बच्चा बेटी नहीं बल्कि बेटा था. लेकिन आस्ना क्लीनिक ने पैसे के लोभ में महिला को गलत जानकारी दी थी. इतना ही नहीं बच्चा गिराने के लिए महिला को दवा भी खिलाई गई. जिससे उसके तबियत बिगड़ गई. महिला की जान भी जा सकती थी.
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