
गुवाहाटी। चीन (China) की तरफ से ब्रह्मपुत्र नदी (Brahmaputra River) पर दुनिया (World) का सबसे बड़ा डैम (Dam) बनाने की शुरुआत होने पर भारत (india) में चिंता जाहिर की जा रही है। इसी बीच इस मामले में सोमवार को असम (Aasam) के सीएम हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल डरने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि ब्रह्मपुत्र नदी का जल मुख्य रूप से भूटान, अरुणाचल प्रदेश और असम से आता है, न कि केवल चीन से। उन्होंने यह बयान गुवाहाटी में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत के दौरान दिया।
बता दें कि मामले में चिंता का दौर तब शुरू हुआ जब चीन ने बीते शनिवार को तिब्बत में ब्रह्मपुत्र नदी पर करीब 167.8 अरब डॉलर की लागत से दुनिया के सबसे बड़े डैम का निर्माण शुरू कर दिया है। यह जगह भारत के अरुणाचल प्रदेश की सीमा के पास स्थित है, जिससे निचले स्तर के राज्यों में इसके प्रभाव को लेकर चिंता जताई जा रही है।
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि मैं फिलहाल ज्यादा चिंतित नहीं हूं, क्योंकि ब्रह्मपुत्र एक विशाल नदी है और यह केवल एक स्रोत से पानी नहीं लेती। उन्होंने कहा कि इसका अधिकतर पानी भूटान, अरुणाचल और असम में बारिश से आता है। जब उनसे डैम के निचले स्तर में बसे गांव पर असर के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इसका असर अच्छा होगा या बुरा।
इसके साथ ही सरमा ने बताया कि इस विषय पर दो वैज्ञानिक मत सामने आए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें पहला है कि अगर चीन द्वारा नदी के प्रवाह में बदलाव किया गया, तो पानी की मात्रा कम हो सकती है और जैव विविधता पर असर पड़ेगा। लेकिन दूसरी राय यह है कि अगर पानी कम आया, तो बाढ़ की स्थिति में राहत मिल सकती है।
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