
सीधी: राष्ट्रीय राजमार्ग-39 (National Highway) बीते 15 वर्षों से अधर में लटका हुआ है, सीधी और सिंगरौली (Sidhi & Singrauli) को जोड़ने वाला रास्ता है. कभी फोरलेन के नाम पर, तो कभी नई कंपनी के ठेके के नाम पर इस सड़क के निर्माण (Road Construction) का सपना दिखाया गया, लेकिन हकीकत आज भी गड्ढों और उखड़ी हुई सड़कों में बसी है. हाल ही में सीधी जिले की यूट्यूबर और सोशल मीडिया इन्फ्लूएंसर लीला साहू (Leela Sahu) के गांव खुड्डी खुर्द से एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें सड़क की हालत देख लोग चौंक गए. वीडियो में NH-39 पर सिर्फ गड्ढे नजर आए और उन पर उछलते वाहन. इसके बाद पूरे प्रदेश में सियासी माहौल गरमा गया है. लोगों ने इसे सबसे बुरी सड़क बताया है.
फोरलेन सड़क का काम 15 साल पहले स्वीकृत हुआ था. टेंडर हुआ, कंपनी को काम सौंपा गया, लेकिन कुछ ही सालों में निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया. इसके बाद दूसरी कंपनी को टेंडर मिला, लेकिन वह भी वादा निभाने में नाकाम रही. पिछले दो साल में बनाई गई सड़क पहली ही बरसात में उखड़ गई. यही सिलसिला लगातार जारी है-सड़क बनती है, बारिश आती है और सड़क फिर टूट जाती है. अब सरकार ने एक बार फिर 12 करोड़ रुपए की लागत से पैचवर्क कराने का टेंडर निकाला है. ग्रामीणों और लीला साहू का सवाल है कि आखिर जनता के टैक्स का पैसा कहां जाता है? बीते 15 सालों से करोड़ों रुपए खर्च हुए, लेकिन सड़क नहीं सुधर सकी तो इस भ्रष्टाचार का दोषी कौन है और उसे सजा क्यों नहीं मिली?
इस सड़क मार्ग पर प्रतिदिन औसतन 2000 से अधिक भारी वाहन, ट्रक और यात्री बसें गुजरती हैं. मगर सड़क की हालत इतनी बदतर है कि अक्सर वाहन बीच रास्ते में फंस जाते हैं, ब्रेकडाउन हो जाते हैं और लंबा जाम लग जाता है. कई बार तो रात में खराबी के दौरान आसपास के ग्रामीण इलाकों में लूटपाट की घटनाएं भी सामने आई हैं. ट्रक चालकों का कहना है कि इस सड़क पर चलना खतरे से खाली नहीं है. उन्होंने इसे देश की सबसे बुरी सड़क बताया है.
विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार पर हमलावर है. कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कहा कि सिंगरौली कोयले की राजधानी है, जहां से देशभर को ऊर्जा मिलती है, लेकिन वहां तक एक ठीक सड़क नहीं बन पाई. उन्होंने आरोप लगाया कि सड़क निर्माण के नाम पर केवल घोटाले हुए हैं, हर ठेका भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है.
हालांकि सरकार बार-बार यह दावा करती रही है कि प्रदेश की सड़कें बेहतर हो रही हैं, लेकिन NH-39 की हालत सरकार के सभी दावों की पोल खोल देती है. 110 किलोमीटर लंबा यह फोरलेन मार्ग आज भी अधूरा है और हर गुजरते दिन के साथ यह सवाल और गंभीर होता जा रहा है कि आखिर कब पूरी होगी सीधी-सिंगरौली की यह ‘विकास यात्रा’?
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