
इन्दौर। प्रधानमंत्री (PM) नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में स्वच्छता की स्थिति बहुत खराब है। वहां एक भी घर में कचरे का सेग्रिगेशन नहीं होता है। वहां ठोस कचरे के निष्पादन का कोई प्लांट संचालित नहीं हो रहा है। वहां पर 22 वार्ड में अभी भी कचरा पेटी लगी हुई है। घर-घर से कचरा कलेक्ट करने का काम भी नगर निगम नहीं करता, बल्कि ठेके पर दिया हुआ है।
यह स्थिति कल इंदौर और वाराणसी के अधिकारियों की संयुक्त बैठक में निकलकर सामने आई। इस बैठक की अध्यक्षता केंद्र सरकार के संस्कृति विभाग के सचिव और इंदौर के पूर्व कलेक्टर विवेक अग्रवाल ने की। अग्रवाल ने ही केंद्र सरकार की ओर से वाराणसी को स्वच्छ बनाने के लिए इंदौर के मार्गदर्शन में काम करने के लिए पहल की है। इंदौर के कलेक्टर आशीष सिंह, निगम आयुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त अभिलाष मिश्रा, अमित दुबे, एनजीओ के माध्यम से स्वच्छता का अलख जगाने वाले गोपाल जगताप दो दिन वाराणसी में रहे हैं। कल इंदौर और वाराणसी नगर निगम के अधिकारियों की एक संयुक्त बैठक हुई। इस बैठक में वाराणसी के अधिकारियों द्वारा पावर पॉइंट प्रजेंटेशन देकर बताया गया कि उनके यहां पर स्वच्छता का काम किस तरह से किया जा रहा है और क्या-क्या काम हो रहा है। वाराणसी के बाद में इंदौर नगर निगम की ओर से भी एक पावर पॉइंट प्रजेंटेशन दिया गया, जिसमें इंदौर में किए गए और किए जा रहे काम के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इंदौर से गए दल द्वारा पिछले 2 दिन में वाराणसी में अलग-अलग क्षेत्र का दौरा भी किया गया है। इस दौरे के दौरान सडक़ पर सफाई की हालत तो दिखाई दी, लेकिन एक भी घर में गीले और सूखे कचरे का अलग-अलग सेग्रिगेशन नजर नहीं आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का निर्वाचन क्षेत्र होने और एक प्रमुख ज्योतिर्लिंग होने के कारण इस शहर का महत्व कुछ ज्यादा और अलग है। इंदौर के अधिकारियों ने वहां की स्थिति को देखकर पाया कि वहां पर हालत गंभीर है। घर-घर से कचरा संग्रहण का कार्य ठेके पर एक कंपनी द्वारा किया जाता है। इस कंपनी द्वारा कचरा संग्रहण के जो आंकड़े प्रस्तुत किए जा रहे हैं, वह ज्यादा भरोसेमंद नहीं है। वाराणसी के 22 वार्ड में अभी भी कचरा पेटी लगी हुई है। वहां पर ठोस अपशिष्ट के निष्पादन का कोई संयंत्र नहीं चल रहा है। एकमात्र एनटीपीसी द्वारा पलेटस बनाने का संयंत्र चलाया जा रहा है। वाराणसी नगर निगम द्वारा ऐसी गतिविधियों के लिए अभी-अभी ही एक एजेंसी को नियुक्त किया गया है। वहां पर स्वच्छता के मानकों को लेकर जनता के बीच में जागरूकता भी नहीं है।
इंदौर और वाराणसी की स्वच्छता में अंतर
पैमाना इंदौर वाराणसी
आबादी 30 लाख 27 लाख
कुल वार्ड 85 100
प्रतिदिन कचरा 1200 मे टन 950 मे. टन
निष्पादन प्लांट की क्षमता 1200 मे टन कुछ भी नहीं
जीटीएस 10 3
सफाई मित्र 7500 3500
स्लीपिंग मशीन 27 1
सेग्रीगेशन 100 प्रतिशत 0 प्रतिशत
घर से कचरा लेने वाली गाड़ी 650 350
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