
नई दिल्ली । अमेरिका(America) के विदेश मंत्री मार्को रुबियो(Secretary of State Marco Rubio) ने रविवार को कहा कि अमेरिका भारत और पाकिस्तान(India and Pakistan) के बीच क्या हो रहा है, इस पर हर दिन नजर रखता है। इसके साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उनका देश भारत-पाक के साथ-साथ उन अन्य वैश्विक क्षेत्रों की स्थिति पर भी हर दिन नजर रखता है, जहां तनाव बना हुआ है। NBC न्यूज के मीट द प्रेस शो में रुबियो ने कहा, “हम हर दिन पाकिस्तान और भारत के बीच, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच क्या हो रहा है, इस पर नजर रखते हैं।”
दरअसल, रुबियो अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की अलास्का में मीटिंग के बाद यूक्रेन-रूस युद्ध में संघर्षविराम की चुनौतियों के बारे में बोल रहे थे। इसी बीच उन्होंने कहा, “…युद्धविराम का एकमात्र तरीका यह है कि दोनों पक्ष एक-दूसरे पर गोलीबारी बंद करने पर सहमत हों लेकिन रूस अभी तक इस पर सहमत नहीं हुआ है।”
जब शत्रुता जारी, तो बातचीत करना मुश्किल
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि इसके अलावा, युद्धविराम की एक और जटिलता उसे बनाए रखना है। यह बहुत मुश्किल होता है। रुबियो ने कहा, “मेरा मतलब है, हम हर दिन इस बात पर नजर रखते हैं कि पाकिस्तान और भारत के बीच क्या हो रहा है, कंबोडिया और थाईलैंड के बीच क्या हो रहा है।” रुबियो ने कहा कि अमेरिका मौजूदा संघर्षों में युद्धविराम का आह्वान करता रहा है, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि जब शत्रुता जारी है, तो बातचीत करना मुश्किल है।
रुबियो ने कहा कि युद्धविराम “बहुत जल्दी टूट सकते हैं”। उन्होंने कहा कि यह विशेष रूप से तब प्रासंगिक है, जब बात साढ़े तीन साल से चल रहे युद्ध (यूक्रेन में) की हो। रुबियो ने कहा कि इसलिए अमेरिका स्थायी युद्धविराम का लक्ष्य नहीं रख रहा है, बल्कि रूस और यूक्रेन के बीच शांति समझौते की तलाश में है।
ऐसे राष्ट्रपति के लिए आभारी होना चाहिए
‘फॉक्स न्यूज’ को दिए गए साक्षात्कार में भी रूबियो ने एक बार फिर भारत और पाकिस्तान के बीच हाल में हुए सैन्य संघर्ष का जिक्र किया, जिसके बारे में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार दावा किया है कि उन्होंने इसे रुकवाया। रूबियो ने कहा, “और मुझे लगता है कि हम बहुत भाग्यशाली हैं और हमें एक ऐसे राष्ट्रपति के लिए आभारी होना चाहिए, जिन्होंने शांति बहाली को अपने प्रशासन की प्राथमिकता बनाया है। हमने इसे कंबोडिया और थाईलैंड में देखा है। हमने इसे भारत-पाकिस्तान में देखा है। हमने इसे रवांडा और डीआरसी में देखा है। और हम दुनिया में शांति लाने के लिए हर संभव अवसर का लाभ उठाते रहेंगे।”
गौरतलब है कि डोनाल्ड ट्रंप ने बार-बार भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव कम करने में मदद का श्रेय लिया है, खासकर ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम आतंकी हमले के बाद उन्होंने कई मौकों पर कहा है कि उनके हस्तक्षेप से ही दोनों परमाणु संपन्न पड़ोसियों के बीच युद्धविराम हुआ। हालांकि, भारत ने इन दावों का पुरजोर खंडन किया है। भारत का दो टूक कहना है कि पाकिस्तान के साथ सभी मुद्दों का समाधान द्विपक्षीय रूप से किया जाता है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता की कोई भूमिका नहीं है। भारत सरकार ने लगातार इस बात से इनकार किया है कि किसी विदेशी नेता ने उसके सैन्य फैसलों या युद्धविराम की कार्रवाइयों को प्रभावित किया है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved