
नई दिल्ली: कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद (Chief Minister post in Karnataka) को लेकर खींचतान चल रही है. राजनीतिक गलियारों में इस बात की चर्चा तेजी से चल रही है कि कांग्रेस हाईकमान जल्द ही कोई बड़ा कदम उठा सकता है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कर्नाटक में सरकार के नेतृत्व में फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने वाला है. मुख्यमंत्री पद पर सिद्धारमैया ही बने रहेंगे. पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा चल रही थी कि डीके शिवकुमार सिद्धारमैया को रिप्लेस कर सकते हैं, लेकिन पार्टी इस तरफ सोच भी नहीं रही है.
कर्नाटक कांग्रेस में उठापटक के बीच कांग्रेस कमेटी के महासचिव और कर्नाटक मामलों के प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला डेरा डाले हुए हैं. दौरे के दूसरे दिन मंगलवार को उन्होंने सत्तारूढ़ दल के विधायकों के साथ बैठक की. माना जा रहा है कि सुरजेवाला तीन दिनों तक विधायकों के साथ एक-एक कर बैठक करेंगे. मुलाकात के पहले चरण में सुरजेवाला बेंगलुरु शहर, बेंगलुरु ग्रामीण, बेंगलुरु दक्षिण, चामराजनगर, मैसूर जिलों के अलावा दक्षिण कन्नड़ और कोलार के करीब 20 विधायकों संग बैठक करेंगे.
एक दिन पहले यानी सोमवार को सुरजेवाला ने चिकबल्लापुर और कोलार जिलों के विधायकों के साथ वन-टू-वन किया. माना जा रहा है कि सुरजेवाला की मुलाकात कगवाड़ से विधायक राजू कागे से भी होगी. राजू कागे वो विधायक हैं जिन्होंने सरकार के कामकाज और मंत्रियों के संपर्क न होने के लेकर खुलकर अपनी नाराजगी जाहिर की थी. यहां तक उन्होंने विकास कार्यों और कोष जारी करने में देरी का हवाला देते हुए इस्तीफा देने का संकेत भी दे दिया था. कागे ने आरोप लगाया था कि कर्नाटक में प्रशासन पूरी तरह से चरमरा गया है.
विधायकों से अलग-अलग बैठकों को एआईसीसी और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी दोनों द्वारा किया गया संगठनात्मक अभ्यास करार देते हुए सुरजेवाला ने कहा था कि नेतृत्व परिवर्तन के बारे में मीडिया में चल रही कोई भी खबर केवल एक कोरी कल्पना है. उन्होंने कहा कि विधायकों के साथ जो बैठकें चल रही हैं वो विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की पांच गारंटी योजनाओं की स्थिति को समझने के लिए हो रही है.
उन्होंने आगे कहा कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार के दो साल पूरे हो गए हैं. बैठकों का उद्देश्य विधायकों के साथ संबंधित निर्वाचन क्षेत्रों में कांग्रेस संगठन की स्थिति का आकलन करना है. पार्टी बैठकों के जरिए क्षेत्रों में किए गए कार्यों का मूल्यांकन करने और लंबित पड़ी विकास परियोजनाओं की पहचान करने का भी प्रयास कर रही है. हम सरकार से कामकाज के बारे में विधायकों से प्रतिक्रिया भी लेना चाहते हैं.
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