
नई दिल्ली: वस्तु एवं सेवा कर (Goods and Services Tax) की दरों को तर्कसंगत बनाने को लेकर राज्यों (State) के वित्त मंत्रियों (Finance Ministers) के समूह की महत्वपूर्ण बैठक में केंद्र सरकार (Central Government) के प्रस्ताव को मान लिया गया. मीटिंग में टैक्स स्लैब को घटाकर 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत करने के केंद्र के प्रस्ताव पर चर्चा की गई, जिस पर GoM ने सहमति जताई है. केंद्र सरकार ने जीएसटी में बड़े पैमाने पर बदलाव का प्रस्ताव दिया है, जिसमें 12% और 28% स्लैब को हटाकर केवल 5% और 18% की दो दरें रखने की बात कही गई है. इसके अलावा, तंबाकू और पान मसाला जैसे गुड्स पर 40% की विशेष दर लागू की जा सकती है.
दरअसल केंद्र सरकार जीएसटी में बदलाव के जरिए आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग और MSMEs को राहत देना चाहती है. वह इसके जरिए टैक्स सिस्टम को आसान भी करना चाहती है.
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में छह सदस्यीय मंत्री समूह ने 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत की मौजूदा चार दरों वाले सिस्टम को बदलने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. अब इसकी जगह दो दरें ही लागू होंगी. जरूरी सामान पर 5 प्रतिशत और सामान्य चीजों पर 18 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा गया था. वहीं तंबाकू जैसे कुछ नुकसानदेह सामानों पर 40% की दर लागू होगी.
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने जीएसटी के मामले पर कहा था कि दरों को युक्तिसंगत बनाने से आम आदमी, किसानों, मध्यम वर्ग एवं और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यम को अधिक राहत मिलेगी. साथ ही एक आसान और पारदर्शी कर व्यवस्था सुनिश्चित होगी. बता दें कि मौजूदा समय में पांच, 12, 18 और 28 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जाता है. खाद्य एवं आवश्यक वस्तुओं पर शून्य या पांच प्रतिशत कर लगता है. वहीं विलासिता एवं अहितकर वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की दर से कर लगता है, जिसके ऊपर उपकर भी लगता है.
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