
नई दिल्ली । चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation)के महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर(Mayor) के पदों के लिए चुनाव अब गुप्त मतदान(secret ballot) के जरिये नहीं होगा बल्कि पार्षद हाथ उठाकर अपना मत पसंदीदा उम्मीदवार के पक्ष में देंगे। पंजाब के राज्यपाल एवं केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने मंगलवार को चंडीगढ़ नगर निगम (कार्य-प्रक्रिया एवं संचालन) विनियम, 1996 में संशोधन को मंजूरी दी।
यहां जारी एक आधिकारिक बयान के मुताबिक, ‘इस संशोधन के साथ, महापौर, वरिष्ठ उप महापौर और उप महापौर का चुनाव अब पहले की गुप्त मतदान पद्धति के स्थान पर हाथ उठाकर किया जाएगा।’ कटारिया ने कहा कि नई प्रणाली से चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता आएगी तथा निर्वाचित प्रतिनिधियों की भूमिका स्पष्ट होगी।
उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बदलाव से नगर निगम की कार्यप्रणाली और प्रशासन में सुधार आएगा तथा लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में विश्वास और मजबूत होगा। पिछले साल चंडीगढ़ महापौर चुनाव के दौरान उस समय विवाद खड़ा हो गया था, जब तत्कालीन पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह द्वारा आम आदमी पार्टी (आप)-कांग्रेस के पक्ष में पड़े आठ मतों को अमान्य करार दिए जाने का वीडिया वायरल हो गया।
महापौर चुनाव को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गई और उसने इस चुनाव को अमान्य करार दिया। न्यायालय ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार की जीत को रद्द करते हुए आप प्रत्याशी कुलदीप कुमार को विजयी घोषित किया।
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