
नई दिल्ली। चार दिन की भीषण गोलीबारी और युद्ध के बाद शनिवार को भारत-पाकिस्तान में सीजफायर (ceasefire in india-pakistan) हो गया। हालांकि, इस कम समय के युद्ध ने मेड इन इंडिया हथियारों (made in india weapons) की धमक से पूरी दुनिया को अवगत करा दिया है। भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ जमकर स्वदेशी हाथियारों का इस्तेमाल किया और उसके देशभरा में सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। इसकी तस्दीक सेटेलाइट इमेज से हो गई है। खुद पाकिस्तान ने भी माना है कि उसके मिलिट्री एयरबेस को भारत ने भारी नुकसान पहुंचाया है। आज तीनों सेना प्रमुख ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर फिर कहा कि हम पूरी तरह से तैयार हैं और जब और जहां चाहेंगे, पाकिस्तान पर हमला कर सकते हैं। आइए जानते हैं कि भारत ने किन-किन स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल पाकिस्तान के खिलाफ किया।
स्वदेशी रूप से विकसित सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल रक्षा प्रणाली ने भारत को इस युद्ध में पाकिस्तानी ड्रोन हमलों का नकाम कर अपनी शक्ति को प्रदर्शित किया है। 8 और 9 मई की रात के दौरान, भारतीय सेना ने पश्चिमी सीमा और जम्मू और कश्मीर में नियंत्रण रेखा पर पाकिस्तान द्वारा कई ड्रोन घुसपैठों को आकाश मिसाइल प्रणाली ने नकाम किया और सेना को कोई नुकसान नहीं होने दिया।
ऑपरेशन सिंदूर में एंटी-ड्रोन सिस्टम डी-4 का बहुत सफलतापूर्वक इस्तेमाल किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) द्वारा निर्मित, यह एक ड्रोन डिटेक्ट, डिटर, डिस्ट्रॉय (D4) सिस्टम है। यह उड़ते हुए ड्रोन (सूक्ष्म/छोटे यूएवी) की वास्तविक समय की खोज, पता लगाने, ट्रैकिंग और न्यूट्रलाइजेशन (सॉफ्ट/हार्ड किल) करने में सक्षम है। इसके जैमिंग फ़ंक्शन में ड्रोन को गुमराह करने के लिए GPS स्पूफिंग और रेडियो फ़्रीक्वेंसी को जाम करना शामिल है।
नागास्त्र-1
भारत में बना पहला स्वदेशी आत्मघाती ड्रोन नागास्त्र-1 ने पाकिस्तानी हमले को नकाम करने में सेना का जबरदस्त साथ दिया।नागपुर स्थित सोलर इंडस्ट्रीज द्वारा विकसित, नागास्त्र-1 एक मानव-पोर्टेबल हथियारबंद ड्रोन सिस्टम है। यह दुश्मन के खतरों को बेअसर करने के लिए बना है। यह आत्मघाती ड्रोन एकल-उपयोग वाले हथियार हैं जो अपने लक्ष्यों पर उड़ते हैं और टारगेट को देख कर विस्फोट करते हैं।
स्काईस्ट्राइकर
स्काईस्ट्राइकर एक और आत्मघाती ड्रोन है जिसे भारत ने इजरायल के साथ मिलकर बनाया है। स्काईस्ट्राइकर लंबी दूरी के सटीक हमला करने में सक्षम है। यह दुश्मन को चुपचाप, सटीक और तेज़ी से खत्म करने की क्षमता रखता है। 5–10 किलोग्राम विस्फोटक लेकर 2 घंटे तक उड़ सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल
भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल का इस्तेमाल ऑपरेशन सिंदूर के दौरान किया है। भारतीय वायुसेना (आईएएफ) ने ब्रह्मोस का इस्तेमाल कर पाकिस्तानी मिलट्री एयरबेस को भारी नुकसान पहुंचाया है। आपको बता दें कि ब्रह्मोस मिसाइल भारत की सबसे घातक और प्रतिष्ठित “Made in India” मिसाइलों में से एक है, जिसे भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना तीनों इस्तेमाल करती हैं। इस मिसाइल की मारक क्षमता 290 से 500+ किलोमीटर (नई रेंज 800 किमी तक विकसित हो रही है) है। गति की बात करें तो 2.8–3.0 Mach (ध्वनि से लगभग 3 गुना तेज) है। यह दुश्मन की रडार से बच कर मिनटों में लक्ष्य को टारगेट करता है। एक बार निशाना साधा तो टालना नामुमकिन होता है।
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