काठमांडू। नेपाल (Nepal) इन दिनों भीषण राजनीतिक और सामाजिक संकट (Severe political and social crisis) से गुजर रहा है. जेन-जी के नेतृत्व में हुए प्रदर्शनों ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया. संसद से लेकर राष्ट्रपति भवन तक लपटों में घिर गया. मंत्रियों के घर और होटलों तक को नहीं छोड़ा गया. अब देश में सेना कर्फ्यू लगा रही है और सड़कों पर गश्त कर रही है. इस पूरे आंदोलन के पीछे असली वजह केवल भ्रष्टाचार नहीं बल्कि असमानता है. जनता देख रही है कि एक तरफ आम नेपाली बेरोजगारी और महंगाई से परेशान है. दूसरी तरफ नेताओं के बच्चे यानी नेपो किड्स महंगी कारों, डिजाइनर हैंडबैग और विदेशी छुट्टियों का दिखावा कर रहे हैं.
शृंखला खतिवड़ा, शिवाना श्रेष्ठा… कौन-कौन रहा निशाने पर?
पूर्व मिस नेपाल शृंखला खतिवड़ा सबसे बड़े निशाने पर रहीं. वह पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बिरोध खतिवड़ा की बेटी हैं. उनकी लग्जरी लाइफस्टाइल की तस्वीरें खूब वायरल हुईं. उनका घर प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया और उनके हजारों सोशल मीडिया फॉलोअर्स कम हो गए.
पूर्व प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की बहू शिवाना श्रेष्ठा और उनके पति जैवीर सिंह देउबा भी आलोचना में आए. उनके वीडियो और आलीशान घर की तस्वीरें वायरल हुईं. कम्युनिस्ट नेता और पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड की पोती स्मिता दहाल ने महंगे बैग्स और कपड़ों की वजह से गुस्सा झेला. कानून मंत्री बिंदु कुमार थापा के बेटे सौगत थापा की तस्वीरें भी तेजी से फैलीं. कहा गया कि ये लोग करोड़ों की जिंदगी जी रहे हैं जबकि जनता दो वक्त की रोटी के लिए तरस रही है.
नेपाल में भ्रष्टाचार के खिलाफ Gen Z के सब्र का बांध टूटा
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट में नेपाल को एशिया के सबसे भ्रष्ट देशों में गिना गया है. पोखरा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट में 71 मिलियन डॉलर की हेराफेरी सामने आई. शरणार्थी कोटा बेचने का मामला भी उजागर हुआ. लेकिन कार्रवाई कभी नहीं हुई. इसी से लोगों का गुस्सा फूटा और सड़कों पर आंदोलन फैल गया.
प्रधानमंत्री ओली के इस्तीफे के बाद नेपाल में सरकार ही नहीं बची. संसद जली, राष्ट्रपति भवन पर हमला हुआ. राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने अपील की कि लोग संयम बरतें और संविधान के दायरे में हल निकाला जाए. काठमांडू और दूसरे शहरों में कर्फ्यू लागू है. सेना सड़कों पर गश्त कर रही है. गाड़ियों की जांच हो रही है. अब तक 31 लोगों की मौत और 1,000 से ज्यादा लोग घायल हो चुके हैं.
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