
गुवाहाटी। असम सरकार (Assam Government) ने 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के आधार कार्ड (Aadhar Card) बनने पर फिलहाल रोक लगा दी है और सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और चाय बागानों में काम करने वाले लोगों को इसमें छूट दी गई है। अब इस पर राजनीति (Politics) शुरू हो गई है और एआईयूडीएफ (AIUDF) के नेता रफीकुल इस्लाम (Rafiqul Islam) ने सरकार के इस एलान को तुगलकी फरमान (Tughlaq Decree) बता दिया है।
एआईयूडीएफ नेता रफीकुल इस्लाम ने असम सरकार के आदेश पर कहा कि ‘अगर कोई घुसपैठिया आता है तो उसे पकड़ें और उन्हें उनके देश वापस भेजा जाए। उन्हें आधार कार्ड क्यों देना है और उनका नाम वोटर लिस्ट में जोड़कर क्यों उसे भारत की नागरिकता देने की जरूरत है? आधार कार्ड लेने के लिए सिर्फ एक महीने का समय देना और कुछ नहीं तुगलकी फरमान है। सरकार लोगों को वोट देने से रोकना चाहती है।’
एआईयूडीएफ नेता ने असम में मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए और कहा कि ‘सरकार कुछ लोगों को निशाना बना रही है। सीएम चाहते हैं कि ये लोग आधार कार्ड न बनवा पाएं और फिर मतदाता सूची में भी उन्हें शामिल नहीं किया जा सकेगा।’
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