
नई दिल्ली । अमेरिका(America) और पाकिस्तान(Pakistan) के बीच हुई तेल वाली डील को लेकर बलूचिस्तान(Balochistan) के नेताओं(Leaders) ने अपने कान खड़े कर लिए हैं। उन्होंने अमेरिका के राष्ट्रपति को सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि पाकिस्तानी आर्मी चीफ आसिम मुनीर ने आपको गुमराह किया है। इस क्षेत्र के पूरे प्राकृतिक संसाधन पाकिस्तान के नहीं बल्कि एक स्वतंत्र राष्ट्र बलूचिस्तान के अंतर्गत आते हैं, जो कि फिलहाल पाकिस्तान के कब्जे में हैं। मीर यार ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा कि यह क्षेत्र बिकाऊ नहीं है और यहां पर पाकिस्तान, चीन या किसी अन्य देश द्वारा हमारे संसाधनों के दोहन को किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा।
सोशल मीडिया पर ट्रंप को लिखे एक खुले खत में मीर यार ने असीम मुनीर पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने ट्रंप को संबोधित करते हुए लिखा, “इस क्षेत्र के विशाल तेल और खनिज भंडारों को लेकर आपको (ट्रंप को) पूरी तरह से गुमराह किया गया है। मैं आपको और आपके प्रशासन को यह सूचित कर देना चाहता हूं कि पाकिस्तानी सैन्य नेतृत्व और जनरल असीम मुनीर ने आपको यहां के भूगोल के बारे में जो जानकारी दी है, वह पूरी तरह से गलत है। आपको गुमराह किया जा रहा है।”
मीर यार ने पाकिस्तान के सैन्य प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि प्राकृतिक संसाधनों से भरा यह क्षेत्र पाकिस्तान की असली जमीन यानी पंजाब में नहीं आता है। बल्कि बलूचिस्तान गणराज्य का हिस्सा है, जो कि पाकिस्तान के कब्जे में है। उन्होंने लिखा, “तेल, प्राकृतिक गैस, तांबा, लिथियम, यूरेनियम और दुर्लभ मृदा खनिजों के ये भंडार पंजाब का हिस्सा नहीं है। यह बलूचिस्तान का हिस्सा हैं, जो एक ऐतिहासिक रूप से संप्रभु राष्ट्र है और वर्तमान में पाकिस्तान के अवैध कब्जे में है। यह दावा कि ये संसाधन पाकिस्तान के हैं, न केवल झूठा है, बल्कि यह राजनीतिक और वित्तीय लाभ के लिए बलूचिस्तान की संपत्ति का दुरुपयोग करने का एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।”
आपको बता दें मीर यार बलोच की तरफ से ट्रंप के नाम यह खत ऐसे समय में सामने आया है, जब ट्रंप ने भारत पर दवाब बनाने की रणनीति के चलते पाकिस्तान के साथ तेल को लेकर व्यापारिक समझौता किया है। ट्रंप का कहना है कि वह पाकिस्तान के साथ मिलकर उसके क्षेत्र में तेल की खोज करेंगे। दोनों देशों की खोज का मुख्य क्षेत्र बलूचिस्तान वाला जमीनी हिस्सा और समुद्री सीमा में ही होगा। ऐसे में बलूच नेताओं की चिंता जायज है। बलूच नेताओं की चेतावनी को हल्के में इसलिए भी नहीं लिया जा सकता क्योंकि इस क्षेत्र में चीन की मौजूदगी का वह बहुत लंबे समय से मुकाबला कर रहे हैं। इस मुकाबले में चीन और पाकिस्तान दोनों के काफी संसाधन खर्च हुए हैं और लोगों की जान गई है।
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