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    सर्दियों में सोते समय ये लापरवाही पड़ेगी भारी, इस बीमारी के मरीजों के लिए हो सकता है खतरनाक

  • December 17, 2021

    नई दिल्ली। सर्दियों (winter) में शरीर को ठंड से बचाने के लिए लोग ऊनी कपड़े पहनते हैं। ऊन ऊष्मा का सुचालक (good conductor) है और इसके रेशों में छिपा हीट कंडक्टर बॉडी से जेनरेट होने वाली गर्मी को कपड़ों के अंदर ही लॉक रखता है। यही कारण है कि ऊनी कपड़ों से हमारे शरीर पर ठंड का कोई असर नहीं पड़ता है। अक्सर आपने देखा होगा कि कुछ घरों में लोग रात को ऊनी कपड़े पहनकर सो जाते हैं। शायद आपको अंदाजा नहीं कि ऐसा करने से आपकी सेहत को कितना बड़ा नुकसान हो सकता है। आइए आज आपको बताते हैं कि सर्दियों में रात को ऊनी कपड़े पहनकर क्यों नहीं सोना चाहिए।

    एक्सपर्ट्स के मुताबिक, सर्दियों के मौसम में हमारी रक्त वाहिकाएं (blood vessels) सिकुड़ जाती हैं। ऊनी कपड़े पहनकर रजाई के अंदर सोने से हमारा शरीर तो गर्म हो जाता है, लेकिन कई बार ये बेचैनी, घबराहट और लो ब्लड प्रेशर (low blood pressure) की दिक्कत को भी बढ़ावा दे सकता है। अगर आप गर्म कपड़े पहनना ही चाहते हैं तो थर्मोकोट पहन सकते हैं।

    ऊनी कपड़े पहनकर सोने से एलर्जी और खुजली की समस्या भी हो सकती है। अगर स्किन सॉफ्ट हो तो ऊनी कपड़ों से उसके खिंचने की संभावना कम होती है, लेकिन ड्राई स्किन (dry skin) में स्ट्रेच की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। इसके कारण स्किन पर रैशेज की दिक्कत बढ़ जाती है। इसलिए सर्दियों में कभी ऊनी स्वेटर पहनकर ना सोएं। इसके अलावा, स्वेटर पहनने से पहले शरीर पर अच्छी क्वॉलिटी का बॉडी लोशन लगाएं। ये त्वचा को नम रखेगा और एलर्जी होने की संभावना कम करेगा।


    डायबिटीज और हार्ट डिसीज
    ऊनी कपड़े के रेशे आमतौर पर सूती कपड़ों के रेशों की तुलना में मोटे होते हैं। इनके बीच मौजूद छोटी एयर पॉकेट्स एक इंसुलेटर की तरह काम करती हैं। सर्दियों में लोग चादर या रजाई ओढ़कर सोते हैं और अगर हम ऊनी कपड़े भी पहन लेंगे तो ऊनी कपड़ों के रेशे हमारे शरीर की हीट को अंदर ही लॉक कर देंगे। कुछ मामलों में, रजाई और शरीर से निकलने वाली हीट डायबिटीज और दिल के मरीजों के लिए घातक साबित हो सकती है। इसलिए ऐसे लोग सर्दियों में ऊनी कपड़े पहनकर सोने की गलती ना करें।

    ऊनी मोजे पहनकर सोने से भी खतरा
    एक्सपर्ट शरीर को गर्म रखने के लिए ऊन को अच्छा मानते हैं, लेकिन यह शरीर से निकलने वाले पसीने को अच्छी तरह से नहीं सोख पाता है। नतीजन इससे बैक्टीरिया (bacteria) पैदा होते हैं और कई बार शरीर पर दाने भी निकल जाते हैं। हमारे पैरों को गर्म और शुष्क एनवायरोमेंट ज्यादा पसंद होता है। कॉटन से बने मोजे ना सिर्फ पैरों के लिए आरामदायक होते हैं, बल्कि ये पसीना भी आसानी से सोख लेते हैं। इसलिए सर्दियों में लोगों को ऊन की बजाए कॉटन के मोजे पहनकर सोने की सलाह दी जाती है।

    मजबूरी में ऊनी कपड़े पहनकर सोना पड़े तो…
    अगर रात को ऊनी कपड़े पहनकर सोना ही एकमात्र विकल्प है और ऐसा करना बहुत जरूरी है तो कुछ बातों का ध्यान रखें। पहले सिल्क या कॉटन का कोई कपड़ा पहनें और उसके बाद ऊपर से ऊनी कपड़े पहनें। लेकिन ऐसा बहुत ज्यादा जरूरत होने पर ही करें।

    नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी व सुझाव समान्‍य जानकारी के लिए हैं इन्‍हें किसी प्रोफेशनल डॉक्‍टर की सलाह के रूप में न समझें। कोई भी सवाल या परेंशानी हो तो डॉक्‍टर का परामर्श जरूर लें ।

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