
नई दिल्ली: दिल्ली (Delhi) में तेजी से प्रदूषण (Pollution) बढ़ता जा रहा है. हवा जहरीली (Air Toxic) होती जा रही है. दिल्ली में AQI 437 पर आने के बाद अब ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (Graded Response Action Plan) लागू किया गया है. साथ ही हालात इतने बिगड़ते जा रहे हैं कि अब विदेशी दूतावास (Foreign Embassies) भी एडवाइजरी जारी कर रहे हैं. इस बीच अब भारत की मदद के लिए चीन (china) आगे आया है. चीन ने भारत में अपने दूतावास के जरिए से वायु प्रदूषण को लेकर बयान जारी करते हुए कहा है कि तेज शहरीकरण की वजह से भारत और चीन दोनों ही देशों को वायु प्रदूषण की गंभीर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है.
चीन की प्रवक्ता यू जिंग ने कहा कि यह समस्या जटिल है और इससे निपटने के लिए निरंतर कोशिशों की जरूरत होती है. प्रवक्ता के अनुसार, चीन ने पिछले एक दशक में वायु गुणवत्ता सुधार की दिशा में लगातार कदम उठाए हैं, जिसके पॉजिटिव परिणाम सामने आए हैं. यू जिंग ने दावा किया है कि साल 2013 के बाद से बीजिंग में PM2.5 का स्तर 60 प्रतिशत से ज्यादा घटा है. हालांकि उन्होंने यह भी माना कि खराब मौसम की स्थिति में वास्तविक समय में हवा की गुणवत्ता का डेटा कभी-कभी बदल सकता है और अचानक बढ़ोतरी दिखा सकता है.
यू जिंग ने कहा कि वायु प्रदूषण से प्रभावी तरीके से निपटना इतना आसान नहीं है कि किसी एक दिन के प्लान से इसको हल किया जाए. बल्कि इसके लिए नीति, तकनीक और प्रशासनिक स्तर पर लगातार कोशिश जरूरी हैं. साथ ही भारत की मदद करने के लिए यह संकेत दिया कि आने वाले दिनों में चीन यह साझा करेगा कि उसने चरणबद्ध तरीके से वायु प्रदूषण पर कैसे काबू पाया. चीन की प्रवक्ता ने यह भी स्पष्ट किया कि बीजिंग इस साझा चुनौती पर भारत के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है. दोनों देश साफ हवा और बेहतर पर्यावरण की दिशा में मिलकर काम कर सकते हैं.
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