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MP में इस जानलेवा बीमारी ने दी दस्तक, जारी हुआ अलर्ट, CM ने दिए रोकथाम के निर्देश

September 19, 2025

भोपाल। मध्य प्रदेश में मेलिओइडोसिस नाम की एक गंभीर बैक्टीरियल बीमारी ने दस्तक दे दी है। यह बीमारी अब तक 130 से अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले चुकी है। ग्रामीण इलाकों में खेती-किसानी करने वाले लोग सबसे ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं, लेकिन अब शहरी क्षेत्रों में भी यह बीमारी फैल रही है। यह बीमारी इतनी खतरनाक है कि अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा हो सकती है।

मेलिओइडोसिस (Melioidosis) को लेकर मध्य प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस रिपोर्ट पर तुरंत संज्ञान लेते हुए धान उत्पादक किसानों में बीमारी की रोकथाम के निर्देश जारी किए। उन्होंने स्वास्थ्य और कृषि विभाग के प्रमुख सचिवों को संयुक्त रूप से किसानों की जांच, उपचार और बचाव कार्य चलाने के साथ-साथ स्वास्थ्य शिविर आयोजित करने को कहा है। साथ ही, यदि कोई किसान इस रोग से पीड़ित पाया जाता है तो उसका इलाज सरकारी खर्च पर सुनिश्चित किया जाएगा।

मेलिओइडोसिस Burkholderia pseudomallei नामक बैक्टीरिया से फैलती है, जो मिट्टी और गंदे पानी में पाया जाता है। खेतों में काम करने वाले किसान, कीचड़ या गीली मिट्टी के संपर्क में आने वाले लोग इस बीमारी के सबसे आसान शिकार हैं। यह बीमारी शरीर के कई अंगों, जैसे फेफड़े, त्वचा और गंभीर मामलों में मस्तिष्क को भी प्रभावित कर सकती है। इसके लक्षण टीबी जैसे दिखते हैं, जिसके कारण इसका पता लगाना मुश्किल हो सकता है। मध्य प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में इस बीमारी के मामले सामने आए हैं, जो दर्शाता है कि यह अब राज्य में स्थानीय (Endemic) बीमारी बन चुकी है।

भोपाल एम्स की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश के 20 से ज्यादा जिलों में 130 लोगों में मेलिओइडोसिस की बीमारी पाई गई है। यह संक्रमण दूषित पानी और मिट्टी के जरिए फैलता है। इसके लक्षणों में तेज बुखार, बार-बार बुखार आना, खांसी, सांस लेने में परेशानी और सीने में दर्द शामिल हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि मधुमेह से पीड़ित और अत्यधिक शराब का सेवन करने वाले मरीज इस बीमारी की चपेट में ज्यादा आते हैं। एम्स की मानें तो यह रोग गंभीर है और हर 10 में से 4 मरीजों की जान ले लेता है।

भोपाल एम्स के माइक्रोबायोलॉजी विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. आयुष गुप्ता के अनुसार, यह बीमारी अब शहरों में भी तेजी से फैल रही है। खासकर मधुमेह (डायबिटीज) से पीड़ित लोग, कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले व्यक्ति, और ज्यादा शराब पीने वाले लोग इस बीमारी का आसानी से शिकार हो सकते हैं।

मेलिओइडोसिस के लक्षण शुरू में सामान्य बुखार जैसे होते हैं, लेकिन यह धीरे-धीरे गंभीर हो सकते हैं। इसमें फेफड़ों में संक्रमण, त्वचा पर फोड़े-फुंसी, और गंभीर मामलों में मस्तिष्क तक संक्रमण फैलने का खतरा रहता है। शुरुआती लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो सकता है, इसलिए सतर्कता बहुत जरूरी है।

स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि खेतों में काम करते समय पूरी सावधानी बरतें। हाथों और पैरों को ढककर रखें, ताकि मिट्टी या गंदे पानी के संपर्क में न आएं। मधुमेह रोगियों को विशेष रूप से सावधान रहने की जरूरत है. इसके अलावा, स्वच्छता का ध्यान रखना और समय पर डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है। इस बीमारी से बचने के लिए जागरूकता और सही समय पर इलाज बहुत महत्वपूर्ण है। अगर आपको बुखार, त्वचा पर फोड़े, या अन्य असामान्य लक्षण दिखें, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच करवाएं।

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