
ये कैसी मुश्किल है…
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की पिछले दिनों हुई इंदौर यात्रा मुसीबत का पहाड़ खड़ा कर गई। इस मौके पर इंदौर विमानतल में जाने वाले वीआईपी की सूची में प्रदेश के संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा का नाम नहीं होने का मामला तूल पकड़ रहा है। उसमें भी पूरे समय तक शर्मा विमानतल के भवन के बाहर खड़े रहे। एक तरफ जहां शर्मा की इस तरह उपेक्षा कर दी गई तो वहीं दूसरी तरफ भाजपा की नगर इकाई की मंत्री दीप्ति हाड़ा अपने साथ इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के अध्यक्ष सुरेश भदौरिया को नड्डा से मिलवाने के लिए ले गईं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की घेराबंदी से वह नड्डा तक नहीं पहुंच सकीं।
गजब फर्जीवाड़ा है…
यह तो सभी को मालूम है कि कांग्रेस के पास कार्यकर्ता नहीं हैं। जो हैं सभी नेता हंै। ऐसे में मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्य के लिए कांग्रेस द्वारा हर मतदान केंद्र पर बूथ लेवल के एजेंट की नियुक्ति का दावा किया गया। यह दावा किसी को भी हजम नहीं हुआ। गत दिनों जब कांग्रेस का आधार तैयार करने के लिए भोपाल में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई तो उसमें मध्यप्रदेश के प्रभारी महासचिव हरीश चौधरी ने भी यह शंका जता दी कि क्या सही में कांग्रेस ने बीएलए नियुक्त किए हैं! उन्होंने तो पूछ लिया कि क्या बुलाया जाएगा तो पूरे प्रदेश के हर बूथ का एजेंट भोपाल आ जाएगा। चौधरी के इस सवाल से कांग्रेस के नेता बगलें झांकने लगे। अब इंदौर में कांग्रेस के एजेंट कितने सक्रिय हैं यह तो दावे-आपत्ति का दौर शुरू होने के साथ ही साफ हो जाएगा।
जब अध्यक्ष बगलें झांकने लगे
इंदौर जिला कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित किए गए सम्मेलन में संगठन की प्रभारी सचिव उषा नायडू ने जिला अध्यक्ष विपिन वानखेड़े से पूछ लिया कि मतदाता सूची के गहन पुनरीक्षण कार्य में जिले के किस विधानसभा क्षेत्र में कितने मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। इस बात की जानकारी वानखेड़े को नहीं थी। उन्हें तो केवल यह मालूम था कि राऊ विधानसभा क्षेत्र से कितने नाम काटे गए हैं, सो उन्होंने राऊ का आंकड़ा बता दिया। लेकिन नायडू ने कार्यक्रम में ही पूछ लिया कि सांवेर और देपालपुर में कितने-कितने मतदाताओं के नाम काटे गए हैं तो वानखेड़े नेे साथियों को आवाज लगाई और उनसे जानकारी मंगवाई, फिर जाकर नायडू के समक्ष जानकारी रख पाए। अब विपिन के लिए होमवर्क करके रखना जरूरी और मजबूरी हो गया है। इस घटनाक्रम के किस्से कांग्रेस के नेता चटकारे लेकर एक-दूसरे को सुना रहे हैं।
नए साल के साथ नई उम्मीदों का दौर
भाजपा संगठन और प्रदेश सरकार द्वारा निगम-मंडल में जल्द से जल्द नियुक्ति करने का ऐलान तो बार-बार किया जाता रहा, लेकिन नियुक्ति नहीं हो सकी। ऐसे में जो नेता निगम-मंडल में पद पर आने के लिए प्रयासरत हैं और अपने राजनीतिक वनवास को समाप्त करना चाहते हैं, ऐसे नेता परेशान होते रहे। वर्ष 2026 के नए साल के आगमन के साथ ही इन नेताओं की उम्मीद के मंजिल पर पहुंचने का कयास लगाया जाने लगा है। मलमास भी 14 जनवरी को समाप्त हो जाएगा। अब हर कोई अंग्रेजी नए साल में नई उम्मीद के साथ नई ताकत से परिक्रमा करने में लग गया है, ताकि राजनीति का वनवास समाप्त हो सके।
मंत्रीजी का समाज सुधार अभियान
प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सरकार और संगठन के काम के साथ-साथ अपने समर्थकों की बुरी आदतों को छुड़वाकर समाज सुधार का काम भी खामोशी के साथ करते जाते हैं। हाल ही में भाजपा द्वारा पार्टी कार्यालय पर पहली बार गुरुग्रंथ साहिब का पाठ आयोजित किया गया। इस आयोजन में भाग लेने के लिए मंत्री विजयवर्गीय के साथ शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा भी सिख वेशभूषा में थे। बस यहीं पर विजयवर्गीय ने मिश्रा को निशाने पर ले लिया और मंच से सुमित को तंबाकू छोडऩे का संकल्प दिलवा दिया। अब सुमित निकोटिन की च्युंइगम खाकर काम चला रहे हैं। भाजपा के कार्यकर्ता विजयवर्गीय के समाज सुधार की पहल की चर्चा करते नजर आ रहे हैं।
अब एक नई कोशिश
मुख्यमंत्री सुगम परिवहन बस सेवा में इंदौर की सिटी बस कंपनी का मर्जर हो उसके पहले नगर निगम के कुछ जनप्रतिनिधि इस कोशिश में लग गए हैं कि उनके समर्थकों को बस कंपनी में नौकरी में लगवा दें। बाद में यह बस कंपनी राज्य स्तरीय कंपनी में शामिल हो जाएगी तो फिर अपने समर्थक उस कंपनी के कर्मचारी बन जाएंगे और उनका भविष्य सुरक्षित हो जाएगा। इस उम्मीद को पूरा करने के लिए बस जरूरत है तो निगम आयुक्त के साथ की। यह साथ अभी नहीं मिल पा रहा है…।
डा. जितेन्द्र जाखेटिया
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