
परिक्रमा के परिणाम की बेला आ गई
भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल ने ऐलान कर दिया है कि सभी निगम, मंडल और समितियों में नियुक्ति जल्द की जाएगी। उनकी इस घोषणा से उन नेताओं की धडक़न तेज हो गई है, जो कहीं नियुक्ति पाने के लिए कसरत कर रहे हैं। इन नेताओं द्वारा पिछले काफी समय से यह कोशिश की जा रही थी। इन कोशिशों का परिणाम आने का वक्त आ गया है। अब भाजपा के सारे नेता अपने राजनीतिक आका के पास चक्कर लगा रहे हैं। पिछले कई सालों से लगाई गई परिक्रमा के परिणाम की बेला में हर कोई यह उम्मीद कर रहा है कि अच्छा परिणाम सामने आएगा। पुरानी कहावत है कि कद्दू कटेगा तो सबमें बंटेगा… लेकिन कद्दू इतना बड़ा नहीं है कि सब में बांटा जा सके…अब यह तो किस्मत की बात है कि किसके हाथ कद्दू आता है और किसे करना पड़ता है इंतजार..
विद्रोह से बचने की कोशिश शुरू
कांग्रेस में विद्रोह से बचने की कोशिश शुरू हो गई है। दरअसल आने वाले समय में जब शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की घोषणा होगी तो कांग्रेस के बड़े नेताओं को इस बात की चिंता हो रही है कि जो दावेदार अध्यक्ष पद से नकार दिए जाएंगे, कहीं वे नेता बगावत नहीं कर दें। इस आशंका को ध्यान में रखते हुए ही अब प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी सचिव संजय दत्त और अन्य नेताओं को अलग-अलग शहरों में बैठक लेने के लिए भेजा जा रहा है। इस बैठक में उनके द्वारा यही कहा जा रहा है कि अध्यक्ष पद के लिए पांच नेताओं के नाम का पैनल है, लेकिन अध्यक्ष तो एक ही बनेगा। ऐसे में जिन नेताओं को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी नहीं मिलेगी उन्हें भी किसी न किसी पद की जिम्मेदारी देकर एडजस्ट किया जाएगा। हर दावेदार को यह जानकारी देते हुए सभी को एक बनाए रखने की कोशिश की जा रही है, ताकि कोई बगावत न कर दे।
विधायक लंबित कर रहे हैं नाम
भाजपा संगठन की ओर से इंदौर नगर निगम में एल्डरमैन नियुक्त करने के लिए प्रक्रिया को शुरू कर दिया गया है। हमेशा तो छह एल्डरमैन राज्य सरकार द्वारा नियुक्त किए जाते थे, इस बार इन एल्डरमैन की संख्या को बढ़ाकर 12 कर दिया गया है। अब यह फार्मूला तय हुआ है कि हर विधानसभा क्षेत्र से दो एल्डरमैन बनाए जाएंगे। इनमें से एक एल्डरमैन तो विधायक की पसंद का होगा और दूसरा एल्डरमैन संगठन की पसंद का होगा। इस स्थिति में कुछ विधायक इस कोशिश में लग गए हैं कि उनके क्षेत्र के तो दोनों एल्डरमैन उनकी पसंद के ही होना चाहिए। यही कारण है कि विधायकों द्वारा एल्डरमैन के लिए संगठन को नाम देने में कोताही बरती जा रही है। नगर भाजपा कार्यालय से विधायकों को रोज फोन करके यह याद दिला रहे हैं कि आपको नाम देना है और विधायक हैं कि कभी आज, कभी कल करते हुए टाल रहे हैं।
कलेक्टर से बुराई कौन मोल ले?
पिछले दिनों जब कलेक्टर आशीष सिंह ने इंदौर में हेलमेट अनिवार्य किया और यह आदेश जारी कर दिया कि यदि दोपहिया वाहन चालक के पास हेलमेट नहीं होगा तो उसे पेट्रोल पंप से पेट्रोल नहीं दिया जाएगा। इस आदेश का कड़ाई से पालन करने के लिए सबसे पहले एक-दो पेट्रोल पंप को सील करने की कार्रवाई कर दी। यह कार्रवाई होते ही पेट्रोल पंप संचालक नियम-कायदे की लाइन में आ गए और इस नियम का पालन शुरू हो गया। इस नियम को लेकर जब भाजपा के विधायकों से बात की गई तो अधिकांश विधायकों ने अपने मुंह सील लिए थे। कोई विधायक इस फैसले के विरोध में कुछ नहीं बोला। जब शनिवार को भाजपा कार्यालय पर बैठक में सब जमा हुए तो उस समय एक पूर्व विधायक द्वारा इस मुद्दे को उठाया गया और कलेक्टर पर निशाना लगाया गया। इस मौके पर सरकार के दोनों मंत्री भी बैठक में मौजूद थे। इस बैठक में जरूर विधायकों ने मुंह खोला और कलेक्टर के आदेश के खिलाफ आवाज उठाई। इस आवाज को शासन और प्रशासन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी मंत्रियों को सौंप दी गई। यहां भी सभी विधायक सतर्क रहे। उन्होंने इस आदेश की सीधी आलोचना करने से खुद को बचाया। यह विधायक यही कहते रहे कि आदेश लागू करना गलत नहीं है, लेकिन इसे लागू करने का तरीका गलत है। हमसे पूछा जाना चाहिए था और हमारी राय लेना थी…
तुम्हें नहीं पता तो क्या हुआ, शहर को पता है…
नगर निगम की इस परिषद के कार्यकाल के पूरे होने की बेला आ गई। पिछले दिनों जब नगर निगम के मुख्यालय में इस बारे में बात चल रही थी तो वहां मौजूद भाजपा के कुछ पार्षद बोल पड़े कि मालूम ही नहीं पड़ा कब 3 साल गुजर गए। इस पर कहने वाले ने तत्काल कह दिया कि आपको नहीं मालूम पड़ा तो क्या हुआ? सारे शहर को तो यह 3 साल बहुत अच्छे से मालूम पड़े हैं। बचे हुए 2 साल भी शहर पर भारी पड़ते नजर आ रहे हैं। इतना सुनने के बाद नेताजी कुछ और बात करने के लिए नहीं रुके और अपनी मंजिल की ओर चल पड़े….
एमआईसी में आने की कसरत
इंदौर नगर निगम की मेयर इन काउंसिल में एक पद रिक्त पड़ा हुआ है। पिछले दिनों विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 के सदस्य जीतू यादव के इस्तीफा देने से यह पद रिक्त हुआ था। उसके बाद से इस पद को भरने की दिशा में अब तक कोई काम नहीं हो सका। इस रिक्त पद को भरने के मामले को भाजपा के नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने जिंदा कर दिया। उन्होंने पिछले दिनों पार्षदों की बैठक में कहा कि आप लोग अच्छा काम कीजिए, आप में से जो अच्छा काम करेगा उसे इस रिक्त पद पर महापौर परिषद में ले लिया जाएगा। जैसे ही मिश्रा ने यह कहा, वैसे ही एक बार फिर महापौर परिषद में आने के लिए भाजपा के पार्षदों में होड़-जोड़ शुरू हो गई। इसके साथ ही जीतू यादव को ही वापस से एमआईसी में लेने की कोशिश भी शुरू हो गई है। अब यह तो राजनीति है। देखना है नया परिंदा पर मार पाता है या फिर जीतू यादव ही वापस आ जाते हैं….
डा. जितेन्द्र जाखेटिया
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