img-fluid

ये पॉलिटिक्स है प्यारे

August 18, 2025


नगर इकाई के गठन के पहले ही सुमित को झटका
भाजपा की नगर इकाई का गठन होने में तो अभी समय लगेगा । इस गठन के पहले ही नगर अध्यक्ष सुमित मिश्रा को झटका लग गया। पिछले दिनों जब भाजपा के पर्यवेक्षकों ने विधायक और वरिष्ठ नेताओं से शहर इकाई, एल्डरमैन और निगम-मंडल में नियुक्ति के लिए उनकी अनुशंसा प्राप्त की थी, उस समय पर जिन नाम की अनुशंसा हुई, वह सारे नाम सामने आ गए। इस स्थिति के कारण विधायकों और वरिष्ठ नेताओं को अपने समर्थकों के बीच में ही कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। इस स्थिति की शिकायत इन नेताओं द्वारा प्रदेश इकाई को की गई, जिसके परिणाम स्वरूप पर्यवेक्षकों को दूसरी बार भेजा गया। इस पूरे मामले में भाजपा के नेताओं के निशाने पर रहे सुमित मिश्रा। लंबी आवाज में सभी ने गोपनीयता भंग होने के लिए उन पर ही उंगली उठाई।


तिरंगा यात्रा बन गई चेहरा दिखाओ यात्रा
प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मौजूदगी में पिछले दिनों आयोजित की गई तिरंगा यात्रा चेहरा दिखाओ यात्रा में तब्दील हो गई। इस यात्रा में जितनी जबरदस्त भीड़ आने की उम्मीद थी वह तो नहीं आई। मुख्यमंत्री को चेहरा दिखाने और संगठन में अपना स्थान बनाने की मंशा के साथ जो नेता आए थे, वह अपना चेहरा दिखाकर गायब हो गए। यात्रा मार्ग पर लगे स्वागत मंच शक्ति के प्रदर्शन का केंद्र बन गए। इनमें नेताओं के समर्थकों ने मंच लगाकर अपने नेता की जय-जयकार करवाई। हमेशा इस तरह की यात्रा में भाजपा में यह नियम है कि जिस विधानसभा क्षेत्र से यात्रा गुजरेगी उस विधानसभा क्षेत्र के विधायक को रथ में आगे की तरफ मुख्यमंत्री के पास में खड़ा कर दिया जाएगा। इस बार की यात्रा में इस नियम का पालन नहीं हो सका। रथ में आगे की तरफ पांच व्यक्तियों के खड़े होने का स्थान था। इसमें ग्रामीण क्षेत्र के विधायक तुलसीराम सिलावट जाकर एक बार जो डटे तो फिर उन्होंने हिलने का नाम ही नहीं लिया। इसका परिणाम यह हुआ कि जिस विधानसभा क्षेत्र से यात्रा गुजर रही थी वहां के विधायक भी पीछे की तरफ से खड़े होकर जैसे-तैसे कैसे भी अपना चेहरा दिखाने की कोशिश कर रहे थे।

सृजन को कांग्रेसी ही बता रहे हैं विसर्जन
राहुल गांधी द्वारा मध्यप्रदेश में कांग्रेस को नए सिरे से तैयार करने के लिए लागू किए गए संगठन सृजन अभियान का परिणाम सामने आ गया है। इस परिणाम के सामने आने के बाद कांग्रेस के नेता ही यह सवाल उठाने लगे हैं कि यह सृजन है या विसर्जन है। पहले से ही इस बात की आशंका थी कि कांग्रेस के नेताओं ने इस पूरे अभियान को हाईजैक कर लिया है। हर नेता अपने समर्थक को पद पर बैठाने के लिए नियम-कायदे को दरकिनार करवाने में लगा हुआ है। अब जब इस अभियान के तहत सभी जिला तथा शहर कांग्रेस अध्यक्ष की सूची जारी हुई है तो यह स्पष्ट हो गया है कि कार्यकर्ताओं की भावना, जनता के बीच में इमेज के आधार पर अध्यक्ष के चुनाव का दावा कागजी था। जिसका कोई नाम लेने वाला भी नहीं था, उसे अध्यक्ष बना दिया गया। इस अभियान का इससे बड़ा मजाक क्या हो सकता है कि इंदौर जिला कांग्रेस के अध्यक्ष पद के लिए प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आगर से विपिन वानखेड़े को बुला लिया। जिसे इंदौर जिले का एक भी व्यक्ति नहीं जानता है, वह जनाधार के कथित आधार पर अध्यक्ष बनाया गया है। इंदौर जिले में कांग्रेस के मजबूत आधार वाले नेता राधेश्याम पटेल, रीना बौरासी सेतिया, मोतीसिंह पटेल जैसे नाम को दरकिनार कर दिया गया है।

बागड़ी को अध्यक्ष नहीं बनाने से मिश्रा नाराज
कांग्रेस में शहर अध्यक्ष पद के दावेदार अरविंद बागड़ी के नाम के साथ फूलछाप कांग्रेसी होने का ठप्पा लगा हुआ है। अब जब कांग्रेस ने शहर अध्यक्ष के पद पर चिंटू चौकसे को नियुक्त कर दिया तो एक बड़ा घटनाक्रम हुआ। इसमें भाजपा के शहर अध्यक्ष सुमित मिश्रा ने एक बयान जारी किया। इस बयान में उन्होंने कहा कि खजराना गणेश मंदिर के भक्त मंडल का अध्यक्ष होने और सनातन धर्म से जुड़े होने के कारण बागड़ी को अध्यक्ष नहीं बनाया गया है। सुमित ने बागड़ी की तारीफ के कसीदे गढ़े और उन्हें अध्यक्ष नहीं बनाए जाने पर अपना गुस्सा जताया। इस तरह बागड़ी पर अब तक लगने वाली फूलछाप कांग्रेसी होने की पहचान पर अब मिश्रा ने मुहर लगा दी।

कौन बनेगा नेता प्रतिपक्ष?
इंदौर नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को कांग्रेस द्वारा कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष बना दिए जाने के बाद अब कांग्रेस में अंदरखाने में यह चर्चा शुरू हो गई है कि नेता प्रतिपक्ष के पद पर किसे लाया जाएगा। जहां दोनों पदों को चौकसे एक साथ संभालने के इच्छुक हैं तो वहीं कांग्रेस पार्षदों का एक समूह नए नेता प्रतिपक्ष की नियुक्ति का इच्छुक है। इस पद के लिए सबसे आगे विनीतिका दीपू यादव का नाम चल रहा है तो वहीं प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के राऊ विधानसभा क्षेत्र के पार्षद को भी नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने की इच्छा सामने आ रही है। अब कांग्रेस के पार्षदों में इस नेतृत्व को प्राप्त करने के लिए लॉबिंग शुरू हो गई है।

प्राधिकरण के लिए भाजपा में लामबंदी
अब जब सरकार द्वारा निगम-मंडल में नियुक्ति का सिलसिला शुरू किया जा रहा है तो इंदौर के भाजपा नेताओं की तो रुचि इंदौर विकास प्राधिकरण में नियुक्ति पाने में है। इंदौर शहर भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गौरव रणदिवे ने प्राधिकरण का अध्यक्ष पद हासिल करने के लिए प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा के माध्यम से अपनी कोशिशों को तेज कर दिया है। उनके साथ प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का समर्थन भी है। इस समर्थन की झलकी थोड़े-थोड़े दिनों के अंतराल में वह दिखाते रहते हैं। पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री इंदौर आए तो बिना शेड्यूल के मुख्यमंत्री को वह गोगादेव मंदिर पर पूजा करने के लिए ले गए। गौरव, सावन सोनकर और मनोज पटेल की तिकड़ी मिलकर इंदौर की भाजपा की राजनीति में एक नई कहानी रचने की तैयारी में है।
डा. जितेन्द्र जाखेटिया

Share:

  • गोवा से इंदौर आने वाली हंस की बस रास्ते में बिगड़ी, 9 घंटे देरी से इंदौर पहुंची

    Mon Aug 18 , 2025
    24 घंटे का सफर 33 घंटे में पूरा हुआ, पूरे रास्ते यात्री होते रहे परेशान इंदौर। गोवा से इंदौर का सडक़ मार्ग से सुहाना सफर यात्रियों के लिए कल परेशानी का सबब बन गया। गोवा से परसों दोपहर निकली हंस ट्रेवल्स की बस को कल दोपहर इंदौर पहुंचना था, लेकिन रास्ते में खराबी के चलते […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved