
डेस्क: बांग्लादेश में शेख हसीना के तख्तापलट के बाद क्राइम रेट अपने चरम पर पहुंचगया है. बांग्लादेश में नशा, चोरी और तस्करी आम बात हो गई है. यही नहीं बांग्लादेश की सीमा भी सुरक्षित नहीं बची और वहां से तबाही का साजो-समान बांग्लादेश लाया जा रहा है.
बांग्लादेश के पड़ोसी देश म्यांमार इस समय हिंसा की चपेट में है. म्यांमार के रखाइन राज्य में 80 फीसद हिस्सा सशस्त्र समूह अराकान आर्मी (AA) के नियंत्रण में है. कब्जे वाले क्षेत्रों में रोहिंग्या सशस्त्र समूहों और कुछ अराकान सेना इकाइयों के बीच लड़ाई अभी भी जारी है. जो अराकान से बांग्लादेश में नशीले पदार्थों और पशु तस्करी को आसान बना रही है. याबा का उत्पादन भी नहीं रुक रहा है. बल्कि, यह दिन-प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है.
अराकान के से लगातार बांग्लादेश में नशीले अराकान और टैबलेट की तस्करी हो रही है. इसको रोकने ने के लिए बाग्लदेश कोस्ट गार्ड ने अभियान छेड़े हुए हैं. पिछले गुरुवार को तटरक्षक बल ने टेकनाफ सदर यूनियन के हबीरछारा इलाके में छापा मारा और याबा गोलियों के 3 लाख से ज्यादा बैग बरामद किए. हालांकि, इस समय किसी भी तस्कर को गिरफ्तार नहीं किया गया.
बांग्लादेश तटरक्षक बल के मीडिया अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर हारुन ओर रशीद ने बताया कि दो लोग देर रात म्यांमार से समुद्र के रास्ते लाई गई याबा की खेप को अपने कंधों पर उठाकर मरीन ड्राइव के जरिए उतारने की कोशिश कर रहे थे. जब तटरक्षक बल के सदस्यों ने दोनों व्यक्तियों को रुकने का संकेत दिया, तो वे याबा से भरे बोरे छोड़कर भागने में सफल हो गए. जब्त किए गए याबा का मूल्य 16 करोड़ टका है.
जांच से पता चला है कि रखाइन राज्य के सशस्त्र समूह पैसों की कमी को पूरा करने के लिए बांग्लादेश में नशीले पदार्थों और पशुओं की तस्करी जारी रखे हुए हैं. बदले में चावल, दालें, तेल, दूध, चीनी, सब्जियां, खाद्य तेल, ईंधन, यूरिया उर्वरक आदि दैनिक आवश्यकताएं बांग्लादेश से राखीन राज्य में लाई जा रही हैं. तमाम कोशिशों के बाद ये तस्करी रुक नहीं पा रही है.
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved