
उज्जैन: देश में भगवान शिव (Lord Shiva) के अनेक प्राचीन मंदिर हैं, लेकिन इन सभी में 12 ज्योतिर्लिंगों (Jyotirlingas) का विशेष महत्व है. इनमें से तीसरा ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर (mahakaleshwar) है जो मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) में स्थित है. हर साल सावन मास (Sawan month) में यहां भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है. इस दिन महाकालेश्वर महाराज अपनी प्रजा का हाल जानते हैं. इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है.
हर साल सावन मास में यहां भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाती है, जिसे देखने के लिए यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है.उज्जैन वाले भगवान महाकाल को अपना राजा मानते हैं. मान्यता है कि भगवान महाकाल सावन मास में अपनी प्रजा का हाल जानने पालकी में सवार होकर निकलते हैं.
22 जुलाई से श्रावण मास की शुरुआत होगी. इस बार श्रावण मास की शुरुआत सोमवार के दिन होने से पहले ही दिन भगवान महाकाल की सवारी निकलेगी. महापर्व शुरू होने में दो माह का समय शेष है.जिसकी तैयारी शुरू हो चुकी है.
भगवान महाकाल भक्तों के लिए सामान्य दिनों की अपेक्षा करीब डेढ़ घंटा पहले जागते हैं. सामान्य दिनों में मंदिर के पट तड़के 4 बजे खुलते हैं. श्रावण मास में प्रत्येक रविवार को रात 2.30 बजे मंदिर के पट खुलते हैं. शेष दिनों में मध्य रात्रि 3 बजे मंदिर के पट खोले जाते हैं.
बाबा महाकाल कई सवारी निकलेगी. इस बार 22 जुलाई को पहली सवारी रहेगी. 29 जुलाई को दूसरी सवारी, 5 अगस्त को तीसरी सवारी,12 अगस्त को चौथी सवारी, 19 अगस्त को पांचवी सवारी 26 अगस्त को छठी सवारी, 02 सितंबर को शाही सवारी निकलेगी. जिसमे भगवान महकाल अपनी प्रजा का हाल जानने निकलेंगे.
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