
नई दिल्ली। लंदन (London) में 15 साल के एक बच्चे ने अजीबोगरीब एक्सपेरीमेंट (strange experiment) के चलते यूएसबी केबल(USB cable) अपने गुप्तांग में फंसा (trapped in the genitals) लिया. इसे शरीर से बाहर निकालने के लिए डॉक्टर्स को सर्जरी (surgery) का सहारा लेना पड़ा. डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चा यूएसबी केबल से अपने गुप्तांग की लंबाई माप रहा था.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह एक्सपेरीमेंट बच्चे के लिए उस वक्त खतरनाक साबित हो गया जब पहले से गांठ लगा केबल उसके प्राइवेट पार्ट में फंस गया. यूएसबी केबल के दोनों सिरे प्राइवेट पार्ट के अंदर चले गए थे, इसलिए उसे निकालना बहुत मुश्किल था.
यूएसबी केबल फंसने के बाद बच्चे ने उसे निकालने का भरपूर प्रयास किया, लेकिन परिणाम ये हुआ कि उसे पेशाब के रास्ते बहुत ज्यादा खून आने लगा. ये देखकर परिजन घबरा गए और वो तुरंत उसे अस्पताल लेकर भागे. यूरोलॉजी केस रिपोर्ट के मुताबिक, यूएसबी केबल गुप्तांग में इस कदर फंस चुका था कि डॉक्टर्स स्पेशल टूल की मदद से भी उसे नहीं निकाल पाए. बच्चे की हालत बिगड़ती देख उसे इलाज के लिए तुरंत यूनिवर्सिटी कॉलेज हॉस्पिटल, लंदन ट्रांसफर किया गया. बच्चे ने आग्रह किया कि उसकी मां की गैर-मौजूदगी में उसका ऑपरेशन किया जाए. उसने डॉक्टर्स को यह भी बताया कि यौन जिज्ञासा के चलते अपने गुप्तांग को मापने के लिए उसने ऐसा किया था. एक्स-रे रिपोर्ट में यूएसबी केबल के साइज और पोजिशन के बारे में डॉक्टर्स को पता लगा. इसके बाद बच्चे को फौरन सर्जरी के लिए भेज दिया गया. सर्जन ने चीरा लगाकर पहले केबल की गांठ को बाहर निकाला. इसके बाद यूएसबी के बाकी हिस्से को बाहर निकालने में सफल हुए. सर्जरी के दौरान बच्चे को किसी तरह के कॉम्प्लीकेशन्स नहीं हुए. रिकवरी के बाद बच्चे को अगले ही अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया. सर्जरी के दो हफ्ते बाद फॉलो-अप स्कैन में डॉक्टर्स ने बताया कि बच्चे को कोई स्थायी नुकसान नहीं हुआ. हालांकि भविष्य में उसे लगातार मॉनिटरिंग की जरूरत पड़ेगी. डॉक्टर्स ने बताया इस प्रकार के ऑब्जेक्ट का गुप्तांग में फंसना बेहद घातक साबित हो सकता है. आपके पेशाब में रुकावट हो सकती है. इफेक्टेड एरिया में जलन हो सकती है. पेशाब के रास्ते खून निकल सकता है. इंसान को बहुत ज्यादा दर्द की शिकायत हो सकती है. इतना ही नहीं, ब्लैडर या पेशाब की नली में भी दिक्कतें काफी बढ़ सकती हैं. डॉक्टर्स ने कहा कि इन हालातों में मरीज के साथ सपोर्टिव या नॉन जजमेंटल मैनर के साथ पेश आना चाहिए, ताकि वो इस घटना से जुड़ी तमाम चीजें आपको खुलकर बता सके. इससे सर्जन को इलाज करने में काफी मदद मिल सकती है.