
उज्जैन। कोरोना भले ही एक तरह से चला हो गया है लेकिन राष्ट्रपति से मिलने वाले सभी लोगों की आरटीपीसीआर जाँच होगी, इसके बाद ही उन्हें राष्ट्रपति से मिलने दिया जाएगा। गणमान्य नागरिकों के अलावा राष्ट्रपति के काफिले में शामिल होने वाले अधिकारियों के वाहन चालकों की भी कोरोना टेस्टिंग कराई जाएगी। आज सुबह पुलिस विभाग के 84 जवान कोरोना टेस्ट कराने पहुँचे। कोरोना के मामले भले ही अभी इक्का-दुक्का आ रहे हैं लेकिन चौथी लहर का खतरा बरकरार है। 29 मई को उज्जैन में आयुर्वेद महासम्मेलन के कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद आ रहे हैं। सभी विभाग प्रोटोकाल के मुताबिक उनके आगमन और सुरक्षा व्यवस्था की तैयारियों में जुटे हुए हैं। हाल ही में प्रोटोकाल के मुताबिक जिला प्रशासन और अन्य माध्यमों से राष्ट्रपति के आगमन के दौरान उनसे मिलने कई गणमान्य लोग पहँुचेंगे।
इनकी सूची बनकर तैयार हो गई है लेकिन चौथी लहर के खतरे को देखते हुए राष्ट्रपति से अलग-अलग माध्यम से मिलने वाले सूची में शामिल लोगों के लिए तय किया गया है कि उन्हें राष्ट्रपति से मिलने से पहले कोरोना टेस्ट कराना होगा। रिपोर्ट नेगेटिव आने वाले लोग ही राष्ट्रपति से निर्धारित समय और स्थान पर मुलाकात कर पाएँगे। इधर पुलिस विभाग ने अभी से इस प्रोटोकाल का पालन शुरु कर दिया है। आरआई जयप्रकाश आर्य ने बताया कि राष्ट्रपति के आगमन के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारी उनके काफिले में तथा व्यवस्थाओं में शामिल रहेंगे। इस कारण पुलिस अधिकारियों के वाहन चालकों का भी कोरोना टेस्ट अनिवार्य किया गया है। इसी के चलते आज सुबह पुलिस विभाग के ऐसे 84 जवानों ने जिला अस्पताल परिसर स्थित फीवर क्लीनिक के समीप बने कोरोना टेस्ट केन्द्र पर जाकर सेम्पल दिए। चिकित्सकों के मुताबिक 24 घंटे के अंतराल में इन सभी पुलिसकर्मियों की कोरोना जाँच रिपोर्ट आ जाएगी। इधर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिन लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव होगी उन्हें ही काफिले में शामिल किया जाएगा।
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