img-fluid

जिन्हें बुजुर्ग कह-कहकर शहर माथे पर बिठा रहा है, उन्हें भिखारी मानकर लताड़ता रहा

January 30, 2021


मुफ्त की संवेदनाओं में जुटा शहर… इसी हालत में बरसों से मर-मरकर जी रहे थे
कल बुजुर्गों की हालत और फटेहाली देखकर पूरे शहर की संवेदनाएं जाग उठीं… मुख्यमंत्री ने ताबड़तोड़ अधिकारियों के निलंबन से लेकर बर्खास्तगी कर डाली…नेता के बयान शुरू हो गए…दर्द-ए-दिल का कारवां सोशल मीडिया पर बरसने लगा… लेकिन हकीकत यह है कि आज शहर जिन्हें बुजुर्ग कहकर माथे पर बिठा रहा है, कल तक वे भिखारी बने एमवाय परिसर से लेकर शिवाजी वाटिका तक पर बिखरे पड़े रहते थे… कोई उन्हें दुत्कारता था तो कोई चार-आठ आने डालकर दुआएं मांगता था… शिप्रा के लोगों का भी दर्द यह नहीं था कि उन बुजुर्गों की इस कदर बेकद्री की जा रही है, उनके जेहन में यह तकलीफ भी शामिल थी कि शहर के भिखारियों को गांवों में लाकर गंदगी बढ़ाई जा रही है… लिहाजा उनका गुस्सा भी फट पड़ा… और संवेदनाएं भी नजर आने लगीं… निगमकर्मी बगले झांकने लगे… मुख्यमंत्री को गुस्सा आया और उन्होंने अपना गुस्सा अधिकारियों पर उगलकर सरकार पर उठती उंगलियों को बचाया… लेकिन हकीकत यह है कि शहर में ऐसे कई वृद्ध बद से बदतर अवस्थाओं में जीवन गुजार रहे हैं…सरकार रैन बसेरा बना रही है…न ये लोग जाना चाहते हैं और न रैन बरेसे उन्हें रखना चाहते हैं…क्योंकि फुटपाथ पर इन्हें कमाई होती है…मुफ्त का खाना मिलता है… साफ-सफाई की झंझट से ये मुक्त रहते हैं… दरअसल ये न भीख मांगना छोडऩा चाहते हैं और न कोई इन्हें पालना चाहता है… वह अपनी जिंदगी जी रहे हैं…कोई उन्हें गंदगी मानता है, पर हकीकत यह है कि उन्हें गंदा रहने में मजा आता है…ये गंदगी ही उनकी कमाई है…यदि वो साफ-सुथरे नजर आएंगे तो लोग कैसे कृपा बरसाएंगे… और अगर हम उन्हें हटाएंगे तो संवेदनहीन कहे जाएंगे…


मंदबुद्धि महिला…बोल नहीं पा रही है…
मंदबुद्धि दिखने वाली सुरलीबाई एमवाय में रहकर भिक्षावृत्ति कर अपने दिन गुजार रही थी। सुरलीबाई का कोई नहीं है। कल सुबह उसे भी नगर निगम की टीम शिप्रा में छोडऩे गई थी, जिसके विरोध के चलते कल वापस उसे रैनबसेरे में छोड़ा गया।


नहीं जाना चाहता रैन बसेरा
ग्रामीण क्षेत्र से शहर में आए और भीख मांगकर जिंदगी गुजर-बसर कर रहे वृद्ध, जो कि चलने-फिरने में भी लाचार थे, उन्हें भी कल निगम कर्मचारियों ने शिप्रा ले जाकर छोड़ा था ये भी रैन बसेरे में नहीं जाना चाहते।


नेपाल से इंदौर आया भीख मांगने
ये हैं रामबहादुर थापा… जो नेपाल से इंदौर आकर शिवाजी वाटिका के पास अपनी मां आरताबाई के साथ भीख मांगकर गुजर-बसर कर रहा था। थापा कोई कामकाज नहीं करना चाहता उसे भी भीख मांगकर जीवन गुजारने में ही संतोष है।


गांव से इलाज कराने आया और मांगने लगा भीख
मनावर से इलाज के लिए आए आकाश तोरे ने कहा कि में रेल से गिर गया था, जिससे पैर का पंजा कट गया था। नानी के निधन के बाद मेरे मनावर में कोई नहीं है। मैं एमवाय में इलाज के लिए 25 जनवरी को आया था। 26 को छुट्टी होने के चलते 27 को डॉक्टर ने देखकर दवाइयां दीं। उसके बाद मैं मधुमिलन टॉकिज के पास स्थित मंदिर के बाहर भीख मांगने लगा। मगर कल दोपहर में नगर निगम वाले यहां रैनबसेरे में लेकर आए और यहां छोडक़र चले गए। यहां खाने-पीने की अच्छी व्यवस्था है।

निगम की सफाई – हमने भी की है व्यवस्था
टीबी अस्पताल के पास स्थित रैन बसेरा की देख-रेख में लगे झोनल अधिकारी नागेन्द्र भदौरिया ने बताया कि यहां चूंकि दूसरे रैन बसरों से कम लोग रह रहे हैं, इसलिए यहां के लिए झाबुआ टॉवर स्थित रैन बसेरा से दोनों समय का खाना और चाय-नाश्ता भेजा जा रहा है।

 

Share:

  • जानिए आज के शुभ मुहूर्त और राहुकाल

    Sat Jan 30 , 2021
    दोस्तों आज का दिन शनिवार है जो एक पावन दिन है । आज का दिन आपके लिए शुभ और मंगलमय हो इसकी हम कामना करतें हैं , अगर आज के दिन आप कोई शुभ कार्य करने का सोंच रहें हैं तो हम आपकों बताएंगें की आज शुभ कार्य करने के लिए शुभ मुहूर्त क्या है […]
    सम्बंधित ख़बरें
    लेटेस्ट
    खरी-खरी
    का राशिफल
    जीवनशैली
    मनोरंजन
    अभी-अभी
  • Archives

  • ©2025 Agnibaan , All Rights Reserved