
नई दिल्ली. हमास (Hamas) की कैद में रहे इजराइली (Israeli) तीन बंधकों (hostages ) के गाजा (Gaza) से लौटने की उम्मीद है. इनमें इयर हॉर्न, सगुई डेकेल-चेन और साशा ट्रोफानोव नाम के लोग शामिल हैं. पिछले दिनों मिस्र और कतर की मध्यस्थता के बाद गतिरोध कम हुआ. करीब लगभग एक महीने से रुकी जंग के बीच नाजुक युद्ध विराम (ceasefire) के टूटने का खतरा पैदा हो गया था. मौजूदा वक्त में हमास के कब्जे में कुल 76 इजरायली बंधक हैं, जिनमें से तीन बंधकों की रिहाई हो जाने के बाद 73 बंधक बचे रह जाएंगे.
हमास ने कहा कि 369 फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों के बदले में तीनों बंधकों को वापस कर दिया जाएगा. इसके बाद यह आशंका कम हो गई कि 42 दिनों के युद्ध विराम के खत्म होने से पहले समझौता टूट सकता है.
गाजा ने लगाया था इजरायल पर आरोप
पिछले दिनों हमास ने पहले और ज्यादा बंधकों को रिहा न करने की धमकी दी थी, क्योंकि उसने इजरायल पर गाजा में सहायता पहुंचाने से रोककर युद्ध विराम की शर्तों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. इसके बाद इजरायल ने भी लड़ाई फिर से शुरू करने की धमकी दी थी, जिसने रिजर्व बलों को बुला लिया था और अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा था.
पिछले सप्ताह रिहा किए गए तीन बंधकों के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं से इजरायली नाराज थे, बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी हुए. प्रोटेस्ट के दौरान मांग की गई कि सरकार सभी बंधकों को वापस लाने के समझौते को जारी रखे. युद्धविराम के बने रहने की संभावनाएं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस आह्वान से भी धुंधली हो गई कि फिलिस्तीनियों को गाजा से स्थायी रूप से बाहर निकाल दिया जाए और इलाके को फिर से डेवलप करने के लिए अमेरिका को सौंप दिया जाए.
हमास ने पिछले महीने सैकड़ों फिलिस्तीनी कैदियों और बंदियों के बदले में 33 इजरायली बंधकों को सौंपने पर सहमति जताई थी, जिसमें महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पुरुष शामिल थे. इससे पहले 33 में से 16 इजरायली बंधकों को वापस लौटा दिया गया था, साथ ही पांच थाई लोगों को भी अनिर्धारित रिहाई में सौंप दिया गया था. इसके बाद गाजा में अभी भी 76 बंधक बचे हैं, जिनमें से केवल आधे के जिंदा होने की संभावना है.
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