काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में तीन देशों की एक मीटिंग हुई है। इस मीटिंग में फैसला लिया गया है कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा (Khyber Pakhtunkhwa) स्थित खारलाची से उज्बेकिस्तान के नैबाबाद (Naibabad of Uzbekistan) तक ट्रेन का रूट विकसित किया जाए। काबुल में हुई इस मीटिंग अफगानिस्तान पर शासन कर रहे तालिबान के नेता और उज्बेकिस्तान एवं पाकिस्तान के नेता मौजूद रहे। इस मीटिंग में फैसला हुआ कि इस रेलवे परियोजना के लिए फिजिबिलिटी स्टडी कराई जाए। तीनों देशों के बीच इसे लेकर सहमति बन गई है। इसे UAP रेलवे प्रोजेक्ट कहा जा रहा है, जिसका अर्थ उज्बेकिस्तान-अफगानिस्तान-पाकिस्तान रेलवे परियोजना से है।
यह इन तीन मुस्लिम देशों के बीच एक महत्वाकांक्षी परियोजना माना जा रहा है। उज्बेकिस्तान ऐसा देश है, जो सिल्क रूट पर स्थित है। यह सिल्क रूट यानी रेशम मार्ग चीन को मध्य एशिया के देशों से जोड़ता था और फिर यही रूट आगे बढ़ते हुए यूरोप तक जाता है। ऐसे में यदि यह परियोजना सिरे चढ़ती है तो पाकिस्तान के लिए बड़ी सफलता होगी। पाकिस्तान के डिप्टी पीएम इशाक डार ने एक्स पर भी इस समझौते की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मैं पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान और अफगानिस्तान के लोगों को बधाई देता हूं। तीनों देशों के बीच रेल नेटवर्क के लिए फिजिबिलिटी स्टडी पर सहमति बनी है।
उन्होंने कहा कि यह प्रोजेक्ट क्षेत्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को मजबूत करेगा। इसके अलावा आर्थिक तौर पर भी फायदेमंद होगा। डार ने कहा कि पाकिस्तान के बंदरगाहों से मध्य एशिया तक सीधी पहुंच इस कॉरिडोर से होगी। इस समझौते पर साइन से पहले तीनों देशों के विदेश मंत्रियों की भी मीटिंग हुई। बता दें कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बीते कई सालों से तनाव की स्थिति बनी हुई है। फिर भी इस अहम प्रोजेक्ट पर सहमति बनना मायने रखता है। इस परियोजना पर तीनों देशों ने 2023 में ही सहमति जताई थी। यह रेल लिंक उज्बेकिस्तान के तरमिज से होकर गुजरेगा। इसके अलावा अफगानिस्तान में मजार-ए-शरीफ और लोगार से जाएगा।
पाकिस्तान में इस रेल लिंक की एंट्री खारलाची बॉर्डर से होगी। यह बॉर्डर खैबर पख्तूनख्वा में पड़ता है और अफगानिस्तान से सटा हुआ है। तीनों देशों का मानना है कि इससे कनेक्टिविटी बढ़ेगी तो अर्थव्यवस्था को भी ताकत मिलेगी। इसके अलावा सांस्कृतिक जुड़ाव भी बढ़ेगा। इशाक अहमद डार के साथ पाकिस्तान के रेल मंत्री हानिफ अब्बासी भी मौजूद थे।
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