
इंदौर से तीन-तीन प्रकोष्ठ अध्यक्ष बना डाले बाकी में खाली हाथ हो गए नेता, एक रिपीट
इंदौर। कल जारी भाजपा (BJP) की प्रदेश स्तर (State Level) की सूची में इंदौर को तीन-तीन अध्यक्ष मिल गए हैं। इंदौर से तीन लोगों को विभिन्न मोर्चा-प्रकोष्ठ (Various Front Cells) का अध्यक्ष बनाया गया है। बाकी में एक तरह से नेता खाली हाथ ही रह गए हैं। वहीं तीन अध्यक्षों में से एक को रिपीट करना पड़ा, क्योंकि इसके लिए कोई नया नाम नहीं मिल पाया।
कल छुट्टी के बावजूद भाजपा (BJP) के प्रदेश संगठन (State Organization) ने एक के बाद एक मोर्चा और प्रकोष्ठ की घोषणा कर डाली। इसके पहले महिला और अजा तथा अजजा मोर्चा की प्रदेश इकाई की घोषणा की जा चुकी है। इनमें सबसे चौंकाने वाली सूची महिला मोर्चा (Mahila Morcha) की रही, जिसमें इंदौर को कोई स्थान नहीं मिल पाया। इसके पहले प्रदेश मंत्री के पद पर इंदौर की श्रेष्ठा जोशी थीं। हालांकि उन्हें बाद में एक विवादास्पद ऑडियो के चलते हटा दिया गया था। हालांकि यह प्रकरण निपट गया था और माना जा रहा था कि प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा (VD Sharma) से नजदीकियों के चलते वे एक बार फिर प्रदेश कार्यकारिणी में कोई बड़ा पद लेकर आ सकती हैं, लेकिन ऐसा नहीं हो पाया। कल 17 प्रकोष्ठ के अध्यक्षों की सूची भी घोषित कर दी गई, जिसमें युवा मोर्चा के प्रदेश महामंत्री रहे प्रदीप नायर को सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का प्रदेश संयोजक बना दिया गया। नायर जैसे नेता के लिए यह पद उनका डिमोशन माना जा रहा है, क्योंकि यह पद उनकी कार्यशैली के अनुरूप नहीं है। वहीं दूसरा पद मनोज द्विवेदी (Manoj Dwivedi) को विधि प्रकोष्ठ का मिला है। मनोज संघ के आयोजन में सक्रिय रहे हैं और स्वदेशी जागरण मंच से भी जुड़े रहे। इसका फायदा उन्हें विधि प्रकोष्ठ की कमान देकर दिया गया है। आर्थिक प्रकोष्ठ में एक बार फिर योगेश मेहता को नियुक्त कर दिया गया है। तीन प्रकोष्ठ में इंदौर से अध्यक्ष लेने के बाद दूसरे मोर्चा और प्रकोष्ठ में इंदौर के नेताओं को बराबर प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाया है। पिछड़ा वर्ग मोर्चा में इंदौर से नानूराम कुमावत को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। वे पुरानी नगर कार्यकारिणी में नगर उपाध्यक्ष थे। उनका जरूर प्रमोशन किया गया है। इसके साथ ही भाजपा (BJP) के जिलाध्यक्ष रहे रवि रावलिया को किसान मोर्चा का प्रदेश मंत्री बनाया गया है। रावलिया राऊ विधानसभा से उम्मीदवारी को लेकर भी दावा कर चुके हैं और उन्हें 2023 में पूरी उम्मीद है। अल्पसंख्यक मोर्चा (Minority Front) के प्रदेश अध्यक्ष रफत वारसी ने भी इंदौर से तीन-तीन नाम लेकर चौंका दिया है। पहले भी प्रदेश कार्यकारिणी में रहे नासिर शाह को प्रदेश उपाध्यक्ष बनाया गया है। नासिर प्रदेश अध्यक्ष की दौड़ में भी थे, लेकिन उनके स्थान पर वारसी को नियुक्त कर दिया गया था। वैसे शाह का कोई उल्लेखनीय कार्यकाल नहीं रहा। प्रदेश अल्पसंख्यक मोर्चा (Minority Front) में ही इंदौर से बबलू खान और नासिर खान को प्रदेश मंत्री बनाया गया है। इसको लेकर भी सवाल खड़े हो रहे हैं कि एक ही शहर से दो-दो पदाधिकारी एक पद पर कैसे बना दिए गए?
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