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‘राहुल गांधी को समझने के लिए कई एंटीना खोलना पड़ता है’, रविशंकर प्रसाद ने साधा निशाना

September 01, 2025

नई दिल्ली। नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के हाइड्रोजन बम (Hydrogen Bomb) वाले बयान पर भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद (Ravi Shankar Prasad) ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने कहा, “राहुल गांधी को जब भी सुनता हूं, तो उनकी बात को समझने के लिए मुझे कई प्रकार के एंटीना (Antenna) को खोलना पड़ता है। आज उन्होंने कहा कि उन्होंने एटम बम (Atom Bomb) फोड़ा है, अब हाइड्रोजन बम फोड़ेंगे। उनका कर्नाटक का एटम बम फुस हो गया, वह तो दिवाली का छोटा पटाखा भी नहीं निकला। एक बार उन्होंने कहा था कि 5-6 साल में व्यक्ति युवा हो जाता है। दूसरी बात उन्होंने कही, तपस्या करने से गर्मी होती है। इसलिए एटम बम और हाइड्रोजन बम का चुनाव से क्या संबंध है, इसके लिए मुझे जानकारी प्राप्त करनी पड़ेगी। राहुल गांधी जी इतना अपने आप को हल्का क्यों बना रहे हैं, आप विपक्ष के नेता के पद पर हैं, इसकी गरिमा होती है।”

उन्होंने आगे कहा, “याद है ना कि आप मोहब्बत की दुकान लेकर चले थे, जिसमें कितनी नफरत परोसी थी। गाड़ी में जब घूमते हैं तो राहुल आगे, तेजस्वी पीछे और अखिलेश भी पीछे थे। मीसा जी राहुल की यात्रा में दिखाई नहीं दी। तो क्या राहुल गांधी ने परिवार में मतभेद बढ़ा दिया है क्या? क्या तेजस्वी 2 नंबर खिलाड़ी हो गए हैं बिहार में? ये देखने वाली बात है। 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने एक प्रोपेगेंडा खड़ा किया कि भाजपा आएगी तो संविधान बदलेगी। इसका दो जगह यूपी और महाराष्ट्र में असर पड़ा, लेकिन हमने चुनाव आयोग पर कुछ नहीं कहा। उस समय चुनाव आयोग तो ठीक था। अब चुनाव आयोग पर सवाल उठा रहे हैं। देश की जनता को पता चल गया कि कांग्रेस और विपक्ष ने उनके साथ छल किया। इसके बाद हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली हर जगह उन्हें हराने का काम किया अब बिहार भी हराएंगे।”


रविशंकर प्रसाद ने कहा, “राहुल गांधी योजनाबद्ध तरीके से जनता के मताधिकार के उपयोग का अपमान कर रहे हैं। राहुल गांधी के इस अहंकार को तोड़ना जरूरी है। EVM के बिना चुनाव होता था तो बिहार में बूथ लूट होती थी। चुनाव आयोग की बदौलत बूथ कैप्चरिंग खत्म हो गई है। अब जब अखिलेश यादव या तेजस्वी यादव जैसे नेता बैलेट पेपर पर वापसी की मांग करते हैं, तो यह उनकी हताशा ही दर्शाता है। वे ईवीएम और SIR का विरोध इसलिए करते हैं, क्योंकि अब वे बूथ कैप्चरिंग नहीं कर सकते। वे चाहते हैं कि घुसपैठिए वोट डालें।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर कई सवाल उठाए हैं, लेकिन हलफनामे के मुद्दे पर वह चुप क्यों हैं? मैं तीन सवाल उठाना चाहता हूं, जिनका जवाब राहुल गांधी को देना चाहिए। 21 लाख लोग मर चुके हैं। क्या उन्हें अब भी मतदाता सूची में रहना चाहिए? 7 लाख लोगों का नाम 2 जगह है, क्या उन्हें होना चाहिए क्या? 35 लाख लोग अब अपने पंजीकृत पते पर नहीं रहते, क्या उनके नाम बने रहना चाहिए? चुनाव आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि आपत्तियां हलफनामों के माध्यम से दर्ज की जानी चाहिए। राहुल गांधी इससे क्यों भाग रहे हैं? क्योंकि उन्हें पता है कि हलफनामे में झूठ बोलने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है।”

उन्होंने आगे कहा, “यह पहली बार नहीं है। राफेल से लेकर प्रधानमंत्री को ‘चौकीदार चोर’ कहने तक, यहां तक कि हमारी सेना से सबूत मांगने तक, बेबुनियाद आरोप लगाना राहुल गांधी की आदत रही है। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान हमारे सैनिकों की वीरता को न तो स्वीकार किया है और न ही उसकी प्रशंसा की है। इसके बजाय, वे हर बात पर सवाल उठाते हैं। कोई भी संवैधानिक संस्था उनके हमलों से बची नहीं है। उनका मानना ​​है कि वे जो भी सोचते हैं, वह सही ही होना चाहिए, चाहे तथ्य कुछ भी हों। लेकिन उन्हें समझना होगा कि उनका समय बीत चुका है। बिहार उन्हें जवाब देगा।”

रविशंकर प्रसाद ने कहा, “लोकतंत्र सार्वजनिक शालीनता से चलता है। कम से कम एक मां का तो सम्मान करना ही चाहिए। मेरी टीम ने मुझे बताया है कि प्रधानमंत्री को 107 बार गालियां दी गई हैं। लेकिन क्या राहुल गांधी ने कभी इसकी निंदा की है? कम से कम अपनी मां को तो राजनीति से दूर ही रखें। क्या राहुल गांधी ने कभी स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री की मां को दी गई गालियां किसी कांग्रेसी कार्यकर्ता ने नहीं दी थीं और अगर दी भी थीं, तो क्या वह कार्रवाई करेंगे? यह चुप्पी उनके मन में व्याप्त गहरी नफरत को दर्शाती है, क्योंकि उनका मानना ​​है कि प्रधानमंत्री की कुर्सी उनका जन्मसिद्ध अधिकार है।”

उन्होंने कहा, “राहुल गांधी इस बात का जवाब दें कि वो एफेडेविट से क्यों भाग रहे हैं? राफेल, पेगासस से लेकर हर मामले में उन्होंने झूठ बोलने का काम किया। राहुल गांधी किसी भी संवैधानिक संस्था को बदनाम करने से बाज नहीं आए हैं। इनका काम है सिर्फ झूठ फैलाना। कांग्रेस के लोगों ने मोदी जी की स्वर्गवासी मां को गाली दी, लेकिन राहुल गांधी एक शब्द नहीं बोले। क्योंकि राहुल गांधी में अहंकार है और नफरत है कि मोदी जी जिस गद्दी पर बैठे हैं उस गद्दी को राहुल गांधी अपनी जागीर समझते हैं। तो राहुल गांधी सुन लें, अब जनता वोट से आशीर्वाद देती है।”

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