
नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के लिए गुरुवार ऐतिहासिक साबित होने वाला है। दरअसल, कहा जा रहा है कि यह तीसरा मौका होगा जब शीर्ष न्यायलय की पूर्ण महिला बेंच सुनवाई करेगी। फिलहाल, देश की सर्वोच्च अदालत में महिला जजों (female judges) की संख्या केवल तीन है। खास बात है कि सुप्रीम कोर्ट को पहली महिला जज साल 1989 में जस्टिस एम फातिमा बीबी (Fatima Bibi) के रूप में मिली थी।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने बुधवार को बेंच गठित की है, जिसमें जस्टिस हीमा कोहली और बेला एम त्रिवेदी शामिल हैं। कोर्ट में पहली बार साल 2013 में पूर्व महिला बेंच हुई थी। उस दौरान पीठ में जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा और जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई मौजूद थीं। दूसरी बार साल 2018 में जस्टिस आर भानुमति और जस्टिस इंदिरा बनर्जी साथ आई थीं।
जस्टिस कोहली और जस्टिस त्रिवेदी की बेंच के सामने 32 मामले सूचीबद्ध हैं। एपेक्स कोर्ट में फिलहाल तीन ही महिला न्यायाधीश हैं। इनमें जस्टिस कोहली, जस्टिस त्रिवेदी और जस्टिस बीवी नागरत्ना का नाम शामिल है। जस्टिस कोहली का कार्यकाल सितंबर 2024 तक है। जबकि, जस्टिस त्रिवेदी 2025 तक पद पर रहेंगी। खबर है कि साल 2027 में देश की पहली महिला सीजेआई बनने जा रही हैं।
इनसे पहले शीर्ष न्यायलय में जस्टिस बीबी, जस्टिस सुजाता मनोहर, जस्टिस रुमा पाल, जस्टिस ज्ञान सुधा मिश्रा, जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई, जस्टिस आर भानुमति, जस्टिस इंदु मल्होत्रा, जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जस्टिस कोहली, जस्टिस नागरत्ना, जस्टिस त्रिवेदी भी सेवाएं दे चुकी हैं। जस्टिस बनर्जी इस साल 23 सितंबर को रिटायर हो गई थीं।
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