
– शहर के मंदिरों में होंगे विशेष अनुष्ठान और अभिषेक
– मौसम विभाग के अनुसार इस बार भी रोहिणी भीगेगी
– 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा नौतपा
इंदौर । पंचांगों (Almanacs) के अनुसार कल तडक़े (Tomorrow morning) ब्रह्म मुहूर्त ( Brahma Muhurta) में 3.27 बजे सूर्यनारायण ( Surya Narayana) के रोहिणी नक्षत्र (Rohini constellation) में प्रवेश करते ही नौतपा की शुरुआत होगी। इस दिन सर्वार्थसिद्धि योग भी रहेगा। नौतपा 25 मई से शुरू होकर 2 जून तक चलेगा। इस बार रोहिणी गलने के पूर्ण आसार हैं।
शहर के खजराना गणेश मंदिर, वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग, गोवर्धननाथ मंदिर मल्हारगंज, पंढरीनाथ मंदिर, गीता भवन, अन्नपूर्णादेवी मंदिर, विद्याधाम आश्रम सहित अन्य देवालयों में रोहिणी को लेकर शीतल जल से प्रतिमाओं का अभिषेक किया जाएगा। वहीं हरियाली से गर्भगृह सजाए जाएंगे। ठंडी तासीर के लिए भगवान को मेहंदी लगाई जाएगी। कई घरों में परंपरा अनुसार नौतपा के दौरान महिलाएं हाथ-पैरों में मेहंदी लगाएंगी। धर्मशास्त्रों के अनुसार नौतपा के दौरान सूर्य रोहिणी नक्षत्र में मौजूद रहते हैं। कहते हैं कि जितना ही ज्यादा वह रोहिणी नक्षत्र को जलाते हैं, उतनी ही अच्छी बारिश होती है। वहीं यदि नौतपा के दौरान बारिश हो जाए तो इसे अच्छा संकेत नहीं माना जाता है। इसे रोहिणी का गलना भी कहते हैं, जिसका संकेत है कि उस साल बारिश अच्छी नहीं होगी। लेकिन अब धीरे-धीरे मान्यता बदल रही है। बीते कुछ सालों से हमेशा रोहिणी गल जाती है और फिर भी संतोषजनक बारिश होती है। कहा जाता है कि नौतपा की 9 दिनों की अवधि के दौरान सूर्य की किरणें सीधे धरती पर गिरते हुए भीषण गर्मी पैदा करती हैं।
जानें नौतपा क्या है?
मिश्रा ने बताया कि नौतपा वह समय होता है, जब सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करते हैं। इस समय सूर्य पृथ्वी के सबसे करीब होते हैं, जिससे गर्मी का असर बहुत बढ़ जाता है। जब सूर्य मृगशिरा नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तब नौतपा समाप्त हो जाता है। यह 9 दिनों की अवधि होती है।
ऐसा करने का विधान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार नौतपा के दौरान सूर्यदेव को अघ्र्य देना चाहिए। ठंडी चीजों का दान करना चाहिए। भगवान कृष्ण की पूजा करनी चाहिए। शिवलिंग पर जल चढ़ाना चाहिए। लोगों को मीठा खिलाना और सूती वस्त्रों का दान करना भी लाभकारी होता है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved