
इंदौर। पिछले हफ्ते पिकनिक मनाने गए 2 युवकों की भैरव कुंड में डूबने से हुई मृत्यु के बाद वन विभाग ने सख्त कदम उठाते भैरव कुंड जाने वाले पर्यटकों को पहले ही रोकने के लिए डबल चौकी के पास सिवनी गांव में बैरियर नाका बनाकर भैरव कुंड तक जाने का रास्ता ही बंद कर दिया। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बैरियर नाका बनाने के बाद कल पहले रविवार को 22 से ज्यादा वाहन सवार पर्यटकों को भैरव कुंड जाने से सख्ती से रोक दिया गया। इस दौरान पर्यटक वन विभाग के स्टाफ पर दबाब बनाने के लिए नेताओं के फोन लगवाते रहे, मगर स्टाफ ने सबको अनसुना कर दिया।
आखिरकार उन्हें वापस इंदौर लौटना पड़ा। पर्यटकों में अधिकांश लडक़े- लड़किया शहर व जिले से बाहर के थे, जो शहर में पढऩे के लिए आए हैं। इंदौर फारेस्ट रेंजर ऑफिसर संगीता ठाकुर ने बताया कि वन विभाग की टीम ने थाना खुड़ैल के अंतर्गत पर्यटक भैरव कुंड जाने के लिए डबल चौकी के गांव सिवनी के रास्ते का इस्तेमाल करते हैं। पिकनिक मनाने जाने वाले पर्यटक इस रास्ते से होते हुए नाहर झाबुआ, भड़किया, और भैरव कुंड पहुंचते हैं। फारेस्ट रेंजर ठाकुर के अनुसार आसपास के ग्रामीणों के मुताबिक भैरव कुंड में पिछले सालों में लगभग 35 पर्यटक जान गंवा चुके हैं। पिछले हफ्ते ही 2 युवकों की यहां डूबने से मौत हो गई थी।
हालांकि खुड़ैल पुलिस इस पिकनिक स्पॉट पर मौजूद रहती है। वह पर्यटको को डेंजर झोन में न जाने के लिए समझाइश भी देती है, मगर पर्यटक फिर भी वहां पहुंच ही जाते हैं, इसलिए वन विभाग इंदौर ने सिवनी गांव में बैरियर नाका बना कर भैरव कुंड जाने का यह रास्ता ही बन्द कर दिया है। इसके लिए स्थानीय ग्रामीणों और पंचायत सदस्यों की सहायता ली जा रही है। इसके अलावा हर रविवार को डिप्टी रेंजर और वनरक्षक के साथ इस बैरियर नाके पर एक निजी चौकीदार भी तैनात किया गया है। चौकीदार को वेतन वन समितियों के माध्यम से दिया जाएगा।
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