
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश (MP) और राजस्थान (Rajasthan) में जिस फॉर्मूले (formula) पर बने कफ सिरप (cough syrup) ने बच्चों की जान ली, उस पर केंद्र सरकार ने दो वर्ष पहले ही छोटे बच्चों को देने पर रोक लगाई थी। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने 18 दिसंबर, 2023 को बाकायदा सभी राज्यों को आदेश जारी किया था कि क्लोरफेनिरामाइन मेलिएट आईपी-2 मिग्रा व फिनाइलफ्राइन एचसीएल आईपी 5 मिग्रा फॉर्मूलेशन को चार वर्ष से कम उम्र के बच्चों में इस्तेमाल न किया जाए।
1,400 फैक्टरियां बिना प्रमाण बना रहीं दवाएं
गांबिया में कफ सिरप से बच्चों की मौत के बाद केंद्र ने देश की दवा निर्माता फैक्टरियों के लिए डब्ल्यूएचओ प्रमाणित जीएमपी प्रमाणपत्र अनिवार्य किया था। 5,308 दवा कंपनियों में से 3,838 ने इसके लिए प्रक्रिया पूरी की है, पर 1470 कंपनियों ने इसके लिए आवेदन तक नहीं किया है।
गुजरात में भी दो कफ सिरप पर पाबंदी
गुजरात में बन रही खांसी की दो दवाओं रेसिप्रेफ्रेश टीआर सिरप और रिलाइफ कफ सिरप में घातक रसायन डीईजी की मात्रा तय सीमा से अधिक मिली है। राज्य में इन दोनों दवाओं की बिक्री, वितरण, या उपयोग प्रतिबंधित किया गया है। इन्हें बनाने वाली अहमदाबाद की रेडनेक्स फार्मा व राजकोट स्थित शेर फार्मा के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी शुरू की गई है। घातक डीईजी गंभीर विषाक्तता, गुर्दे फेल होना, तंत्रिका संबंधी जटिलता और मौत का भी कारण बन सकता है।
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