
बीजिंग। अमेरिका और चीन (America and China) के बीच चल रहे व्यापार युद्ध (Trade War) के प्रभाव अब स्पष्ट रूप से नजर आने लगे हैं। दोनों देश अब खुलेआम एक-दूसरे के विरुद्ध आक्रामक कदम उठा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (American President Donald Trump) द्वारा लगाए गए अतिरिक्त शुल्कों के जवाब में चीन ने पहले पोर्ट शुल्क की घोषणा की थी, और अब दक्षिण कोरियाई कंपनी हन्वा ओशन कॉर्पोरेशन (South Korean company Hanwha Ocean Corporation) की पांच अमेरिकी संबद्ध सहायक इकाइयों पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह कदम वाशिंगटन द्वारा चीन के समुद्री, लॉजिस्टिक्स और जहाज निर्माण क्षेत्रों की जांच के जवाब में उठाया गया है। चीन के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा घोषित ये प्रतिबंध आज से लागू हो जाएंगे।
रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका की कार्रवाई अंतरराष्ट्रीय कानून और वैश्विक संबंधों के मूलभूत सिद्धांतों का घोर उल्लंघन है, जो चीनी कंपनियों के वैध अधिकारों और हितों को बुरी तरह प्रभावित करती है। मंत्रालय ने आगे बताया कि हन्वा ओशन की ये अमेरिकी इकाइयां अमेरिकी सरकार की जांच में सहयोग और समर्थन प्रदान कर रही हैं, जिससे चीन की संप्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों को खतरा उत्पन्न हो रहा है। ये प्रतिबंध उस समय लगाए गए हैं जब राष्ट्रपति ट्रंप ने सियोल और वाशिंगटन के बीच जहाज निर्माण सहयोग पर बार-बार बल दिया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, हन्वा ओशन को सहयोगी देशों के बीच मजबूत जहाज निर्माण संबंधों से सबसे अधिक लाभ मिलने की संभावना थी। दक्षिण कोरियाई मीडिया ने सियोल के उद्योग स्रोतों के हवाले से कहा कि बीजिंग का यह कदम वाशिंगटन के खिलाफ प्रतिशोधात्मक कार्रवाई के साथ-साथ जहाज निर्माण क्षेत्र में चीन के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया के लिए एक कड़ी चेतावनी है। चीनी सरकारी मीडिया के अनुसार, वाणिज्य मंत्रालय ने इन पांच सहायक कंपनियों को हन्वा शिपिंग एलएलसी, हन्वा फिली शिपयार्ड इंक, हन्वा ओशन यूएसए इंटरनेशनल एलएलसी, हन्वा शिपिंग होल्डिंग्स एलएलसी और एचएस यूएसए होल्डिंग्स कॉर्प के रूप में नामित किया है।
सरकारी एजेंसी शिन्हुआ की खबर के मुताबिक, चीन का परिवहन मंत्रालय अब अमेरिकी धारा 301 जांच के प्रभावों की जांच कर रहा है, जो उसके शिपिंग, जहाज निर्माण क्षेत्रों तथा संबंधित औद्योगिक और आपूर्ति श्रृंखलाओं की सुरक्षा व विकास हितों को कैसे प्रभावित कर रही है।
उधर, चीन ने आज घोषणा की है कि उसके बंदरगाहों पर पहुंचने वाले अमेरिकी जहाजों पर विशेष बंदरगाह शुल्क लागू किए जाएंगे। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ये विशेष शुल्क, चीनी शिपिंग उद्योग और कंपनियों के वैध हितों की रक्षा करते हुए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग में निष्पक्ष प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करने के लिए लगाए जा रहे हैं। परिवहन मंत्रालय के अनुसार, इन शुल्कों के दायरे में वे जहाज आते हैं जिनमें अमेरिकी उद्यम, संगठन या व्यक्ति प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से 25% या अधिक हिस्सेदारी रखते हैं, साथ ही सभी अमेरिकी झंडे वाले और अमेरिका में निर्मित जहाज भी शामिल हैं।
मंत्रालय के बयान में चीनी बंदरगाहों पर इन अमेरिकी जहाजों के लिए विशेष शुल्क में चरणबद्ध वृद्धि की योजना बताई गई है, जो मंगलवार से प्रारंभ में 400 युआन (लगभग 56 डॉलर) प्रति टन होगी। यह शुल्क अगले तीन वर्षों में 17 अप्रैल से हर साल बढ़ाया जाएगा। परिवहन मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह शुल्क 10 अक्टूबर को लगाया गया था, जो अमेरिका के 14 अक्टूबर से चीनी जहाजों पर उसके बंदरगाहों में अतिरिक्त शुल्क लगाने के फैसले का जवाब है।
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