
स्थानांतरण में किरकिरी… शिक्षा विभाग का पोर्टल ही अपडेट नहीं
इंदौर। स्कूलों (Schools) का शैक्षणिक सत्र (Academic Session) शुरू हुए तीन महीने का समय होने जा रहा है। ग्रीष्मकालीन अवकाश (Summer Vacation) के बाद कक्षाएं शुरू हुए एक सप्ताह से ज्यादा समय बीत गया है, लेकिन शिक्षा विभाग का एजुकेशन पोर्टल अभी तक अपडेट नहीं हो पाया, जिससे शिक्षकों की कमी दूर करने के लिए तबादला के मामले में विभाग की किरकिरी हो रही है। जनजाति विभाग के आयुक्त भोपाल ने कलेक्टरों को पत्र लिखकर परिवीक्षा अवधि के तबादलों को निरस्त करने के निर्देश देना पड़ गए हैं।
स्कूलों में शिक्षकों की कमियों को दूर करना विभाग के लिए आसान नहीं लग रहा। पहले शिक्षा विभाग में मर्जी से तबादले के लिए आवेदन बुलवाए थे, लेकिन इसमें भी शिक्षकों ने अधिकारियों के दबाव प्रभाव की शिकायतें की थीं। तबादलों को ऑनलाइन और पारदर्शी बनाने के लिए पोर्टल पर शिक्षकों की विषयवार कमी और स्कूल का नाम दर्ज करने की कवायद हुई, लेकिन सत्र शुरू होने के ढाई महीने बाद भी शिक्षा विभाग का पोर्टल अपडेट नहीं हो पाया और भोपाल से जो तबादले हो रहे हैं, उसमें विभागीय तालमेल नजर नहीं आ रहा। जहां विषयवार शिक्षक उपलब्ध हैं, वहां भी अतिरिक्त शिक्षकों के तबादले किए गए हैं, जो नीति के अंतर्गत न होकर मजाक का कारण बन रहे हैं। सबसे बड़ी हास्यास्पद स्थिति तो परिवीक्षा अवधि यानी जिन शिक्षकों की पहली नियुक्ति के अभी 3 वर्ष नहीं हुए हैं, उनके भी स्थानांतरण किए गए हैं, जो कि नियमों के अंतर्गत नहीं है। विभाग की प्रक्रिया देख आयुक्त जनजाति कार्य श्रीमन शुक्ल ने कल ही सभी कलेक्टरों को आदेश दिया कि परिवीक्षा अवधि के स्थानांतरण आदेश तत्काल निरस्त किए जाएं।
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