
वाशिंगटन। अमेरिका (America) में डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) की अगुवाई वाली सरकार ने वीजा नियमों (Visa rules) में बड़ा बदलाव करने की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन ने छात्रों, आईटी प्रोफेशनल्स और टूरिस्ट्स के लिए अमेरिका जाना महंगा (America Traveling expensive) कर दिया है। अब वीजा के साथ एक नई $250 (करीब 21,000 रुपए) की वीजा इंटिग्रिटी फीस देनी होगी। यह नया नियम 2026 से लागू होगा। इस नए नियम का असर अमेरिका में नौकरी का सपना देख रहे लाखों भारतीय प्रोफेशनल्स पर भी पड़ेगा।
किन भारतीयों पर पड़ेगा असर?
ट्रंप सरकार इस नए नियम को वन बिग ब्यूटीफुल कानून के तहत ला रही है। नए नियम का प्रभाव सीधे तौर पर भारत के लाखों नागरिकों पर पड़ेगा जो हर साल अमेरिका में H-1B वीजा पर नौकरी करने जाते हैं, F/M वीजा पर पढ़ाई करने जाते हैं और B-1/B-2 वीजा पर टूरिस्ट या व्यापारिक यात्रा पर जाते हैं।
वर्तमान में भारतीयों को B-1/B-2 वीजा के लिए $185 (लगभग ₹15,800) देना पड़ता है। नए शुल्क जुड़ने के बाद यह खर्च $250 पड़ेगा, यानी करीब ढाई गुना।
छात्रों को भी नहीं छोड़ा
जो भारतीय छात्र अमेरिका में पढ़ाई के लिए F या M वीजा पर जाते हैं, उन्हें भी यह अतिरिक्त शुल्क देना होगा। यह कदम ऐसे समय पर आया है जब भारतीय छात्र पहले ही डॉलर की बढ़ती दर, रहन-सहन के खर्च और ट्यूशन फ़ीस से जूझ रहे हैं।
H-1B प्रोफेशनल्स पर भी असर
भारत से हर साल हजारों आईटी पेशेवर H-1B वीजा पर अमेरिका जाते हैं। उनके लिए भी यह नई फीस लागू होगी। हालांकि ये अमाउंट “सिक्योरिटी डिपॉजिट” की तरह होगा, जो कुछ कड़ी शर्तें पूरी करने पर वापस भी हो सकता है, जैसे समय पर अमेरिका छोड़ना, स्टेटस चेंज न करना या ग्रीन कार्ड मिलने से पहले वीजा की वैधता खत्म न हो। लेकिन रिफंड प्रक्रिया ऑटोमैटिक नहीं होगी, और इसके लिए सबूत और दस्तावेज देने होंगे।
यह फीस महंगाई दर (CPI) से जुड़ी होगी, यानी हर साल इसमें बढ़ोतरी तय है। अमेरिकी प्रशासन का दावा है कि यह कदम इमिग्रेशन कानूनों का पालन सुनिश्चित करेगा और वीजा ओवरस्टे को रोकने में मदद करेगा। वहीं, विश्लेषकों का मानना है कि इससे कानूनी रूप से अमेरिका आने वाले लोगों खासकर, भारतीयों को आर्थिक रूप से नुकसान होगा।
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