
नई दिल्ली । कांग्रेस सांसद राहुल गांधी (Congress MP Rahul Gandhi) ने कहा कि कांग्रेस में (In Congress) आदिवासी नेतृत्व को मजबूत किया जाएगा (Tribal Leadership will be Strengthened) । उन्होंने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की ।
कांग्रेस ने शुक्रवार को पार्टी के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया। इसमें राहुल गांधी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से चर्चा करते दिख रहे हैं। यह वीडियो 6 मिनट 21 सेकंड का है। पार्टी ने लिखा, “नेता विपक्ष राहुल गांधी ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की। जल, जंगल, जमीन के साथ ही संवैधानिक अधिकारों के लिए उनका संघर्ष लगातार जारी है। चाहे सामाजिक अन्याय हो या डिजिटलीकरण से जमीन छीनना, देश के आदिवासी त्रस्त हैं। हम आदिवासी वर्ग को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ खड़े हैं, उनके अधिकारों के लिए लड़ते रहेंगे।”
वीडियो में दिखा कि राहुल गांधी आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से कहते हैं, “मैं पहले ही आपको बताना चाहता हूं कि मेरी दिलचस्पी क्या है। हमारी ऐसी आदिवासी लीडरशिप बने कि उसे हम कांग्रेस पार्टी में देखें। मैं आपकी कांग्रेस पार्टी में मदद करना चाहता हूं। उसके लिए आपको संगठित होना पड़ेगा और जो सचमुच में आदिवासियों की बात कर रहे हैं, जो थोड़े डायनमिक हैं और आदिवासियों के लिए लड़ रहे हैं, उनको आगे करना पड़ेगा।”
उन्होंने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से आगे कहा, “हम नया कदम ले रहे हैं। अभी हमने गुजरात में शुरू किया है और उसमें हमने 41 नए जिला अध्यक्ष चुने हैं। जिला अध्यक्ष में आदिवासी, दलित, पिछड़े, जनरल कास्ट समेत सभी लोग शामिल होंगे। हम जिला अध्यक्ष को पावर देने जा रहे हैं, जो वहां पर कांग्रेस को चलाएगा और उसकी रक्षा करेगा। हमारी जो विचारधारा है, उसकी रक्षा करेगा और मेम्बरशिप बढ़ाएगा। जिला अध्यक्ष हमारा नॉडल ऑफिसर बन जाएगा और ये चीज हम हिंदुस्तान के हर जिले में कर रहे हैं।
हालांकि, सबसे बड़ी परेशानी उस समय आती है, जब अहमदाबाद या दिल्ली से फैसला लिया जाता है और उसमें बनासकांठा के लिए कुछ नहीं होता है। इसलिए हम चाहते हैं कि बनासकांठा या अहमदाबाद से ही फैसला लिया जाए। हम जिला अध्यक्ष और उसकी कमेटी को मजबूत करेंगे और उनको आर्थिक सपोर्ट भी देंगे, ताकि उसके माध्यम से पार्टी को खड़ा कर सकें। यह हमारा प्लान है।” राहुल गांधी आगे कहते हैं, “दूसरा प्लान यह है कि अगर आदिवासी जिला है और किसी को उस यूनिट का चेयरमैन बनाया जाता है तो उससे भी टिकट के बारे में पूछा जाएगा। हम इस पर काम कर रहे हैं और हम चाहते हैं कि हर राज्य में 10 से 15 आदिवासी नेता दिखाई दें।”
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