
नई दिल्ली । भारत- अमेरिका(India- America) के बीच जल्द ही द्विपक्षीय व्यापार समझौते(Bilateral Trade Agreements) पर सहमति बन सकती है। अभी तक की वार्ता के बाद दोनों पक्ष काफी बिंदुओं पर सहमत हो गए है। ऐसे में माना जा रहा है कि जुलाई के पहले हफ्ते तक ट्रेड डील को अंतिम रूप दिया जा सकता है। हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप व्यापार समझौते को लेकर तमाम दावे कर रहे हैं। बीते दिनों उन्होंने कहा कि भारत अधिकांश टैरिफ हटाने पर सहमत है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी दौरे पर
सूत्रों का कहना है कि भारत द्विपक्षीय व्यापार समझौते के जरिए समान बाजार उपलब्धता से लेकर समान अवसर सुनिश्चित करना चाहता है। भारत चाहता है कि उसके पेशवर व उच्च तकनीकी ज्ञान रखने वाले लोगों को अमेरिकी बाजार में समान रूप से अवसर उपलब्ध हों। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल अमेरिकी दौरे पर हैं। जहां पर उनकी विभिन्न मुद्दों पर चर्चा चल रही है। भारत टैरिफ कटौती, कृषि, आईटी सेवाओं और बौद्धिक संपदा अधिकारों जैसे मुद्दों पर चर्चा कर रहा है।
मौजूदा वक्त में अमेरिका भारतीय बाजारों में अधिक पहुंच सुनिश्चित करना चाहता है। जबकि, भारत अपने उत्पादों पर टैरिफ स्ट्रक्चर की रक्षा करना चाहता है। भारत की कोशिश है कि उसके उत्पादों की अमेरिकी बाजार में पहुंच सुनिश्चित रहे। उसके युवाओं को अमेरिकी बाजार में बेहतर अवसर मिलें।
26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क निलंबित
अमेरिका ने 9 जुलाई तक भारत पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क को निलंबित कर रखा है, लेकिन 10 प्रतिशत आधारभूत शुल्क जारी है। ऐसे में संभावना है कि नौ जुलाई को अवधि से पहले पूर्ण सहमति बन सकती है। द्विपक्षीय व्यापार समझौते के जरिए अमेरिका भारतीय बाजार में अपनी पहुंच को बढ़ाना चाहता है। इसलिए वह भारत में आने वाले उत्पादों पर शुल्क कटौती या फिर शून्य करने की मांग कर रहा है।
भारत ने मालदीव के साथ 13 करार किए
भारत ने मालदीव के साथ 13 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं। इनमें 10 करोड़ मालदीव रुपये के अनुदान से नौका सेवाओं को बढ़ाने, समुद्री संपर्क का विस्तार करने और सामुदायिक आजीविका को बढ़ाने वाली परियोजनाएं शामिल हैं। इन समझौता ज्ञापनों पर रविवार को हस्ताक्षर किए गए, जो भारतीय अनुदान सहायता योजना- उच्च प्रभाव सामुदायिक विकास परियोजना चरण-3 के तहत लागू की जाने वाली परियोजनाओं के लिए हैं।
इस चरण के तहत शुरू की गई 13 परियोजनाओं की कुल अनुदान राशि 10 करोड़ मालदीव रुपये (लगभग 55 करोड़ भारतीय रुपये) है। मालदीव सरकार की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील और मालदीव में भारत के उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
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