
डेस्क: डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को एक बार फिर अमेरिका की कमान संभालने जा रहे हैं. अगले महीने होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग को जनवरी में अपने शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने लिए न्योता दिया था, लेकिन जिनपिंग के इस समारोह में शामिल होने की संभावना नहीं है. गुरुवार को ट्रंप की ओर से चुनी गई प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने फॉक्स न्यूज़ पर शी जिनपिंग को न्योता भेजे जाने की रिपोर्ट की पुष्टि की. उन्होंने इसे दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने की कोशिश के तौर पर बताया, जो लंबे समय से एक-दूसरे के प्रतिद्वंद्वी माने जाते हैं.
एक्सपर्ट्स का कहना है कि जिनपिंग, डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के न्योते को स्वीकार करने के लिए बहुत जोखिम भरा मानेंगे. साथ ही ट्रंप के इस व्यवहार का दोनों देशों के बीच बढ़ते प्रतिस्पर्धी संबंधों पर कोई खास असर नहीं होगा, क्योंकि व्हाइट हाउस में सत्ता बदल रही है.
ट्रंप शासन में प्रेस सचिव की भूमिका में नज़र आने वाली कैरोलिन लेविट ने गुरुवार को पुष्टि की कि नव-निर्वाचित राष्ट्रपति ने 20 जनवरी के समारोह में चीन के राष्ट्रपति को आमंत्रित किया है. लेकिन वाशिंगटन स्थिति चीनी दूतावास ने कहा है कि उसके पास इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. हालांकि विशेषज्ञों को नहीं लगता कि शी अगले महीने वाशिंगटन आएंगे.
पूर्वी एशियाई और प्रशांत मामलों के लिए सहायक विदेश मंत्री के तौर पर काम कर चुके डैनी रसेल का कहना है कि, ‘क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि जनवरी में वाशिंगटन DC में शी जिनपिंग पोडियम के नीचे बैठे हों. और डोनाल्ड ट्रंप को उनके शपथ ग्रहण भाषण के दौरान घूर रहे हों?’ रसेल ने कहा कि जिनपिंग खुद को किसी विदेशी नेता, खास तौर पर अमेरिकी राष्ट्रपति की जीत का जश्न मनाने वाले एक साधारण गेस्ट के तौर पर सीमित नहीं होने देंगे.
वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक स्टिमसन सेंटर में चीन कार्यक्रम के निदेशक यून सन ने कहा कि जब किसी चीनी नेता के अमेरिकी राष्ट्रपति के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए कोई प्रोटोकॉल या मिसाल नहीं होगी, तो बीजिंग सुरक्षित रहेगा. यून सन का कहना है कि, ‘मुझे नहीं लगता कि चीनी राष्ट्रपति कोई जोखिम लेंगे, क्योंकि गेस्ट लिस्ट में जोखिम हो सकते हैं, उदाहरण के तौर पर साल 2021 में अमेरिका में ताइवान के शीर्ष राजनयिक ने राष्ट्रपति जो बाइडेन के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लिया था.’ बीजिंग, ताइवान को चीन का हिस्सा मानता है और उसने बार-बार अमेरिका को चेतावनी दी है कि यह एक रेड लाइन है जिसे पार नहीं किया जाना चाहिए.
सन ने कहा कि, ‘अगर शी जिनपिंग शपथ समारोह में शामिल हो जाएं और इसके बाद ट्रंप ओवल ऑफिस में कार्यभार संभालते ही पहले दी गई धमकी के अनुसार चीनी उत्पादों पर 60% तक टैरिफ लगाने का ऐलान करते हैं तो वह मूर्ख की तरह दिखेंगे, जो कि बीजिंग को मंजूर नहीं होगा.’
वहीं डैनी रसेल का कहना है कि, यह उम्मीद की जानी चाहिए कि ट्रंप और शी जिनपिंग की जल्द ही व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की योजना बनाई जा रही है. उन्होंने बताया कि ट्रंप विदेशी नेताओं, विशेष तौर पर प्रमुख विरोधियों के साथ व्यक्तिगत रूप से मिलना पसंद करते हैं और बीजिंग को लग सकता है कि ट्रंप के साथ सीधी मुलाकातों से उसे बेहतर सौदा मिल सकता है.
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